Indian Railways: गर्मी शुरु होते ही रेलवे में तेज हुआ पानी का अवैध कारोबार, बयाना में वाहन लेकर प्लेटफार्म पर पहुंच रहे ट्रेनों में पानी चढ़ाने

Indian Railways: गर्मी शुरु होते ही रेलवे में तेज हुआ पानी का अवैध कारोबार, बयाना में वाहन लेकर प्लेटफार्म पर पहुंच रहे ट्रेनों में पानी चढ़ाने

Rail news: कोटा। गर्मी का सीजन शुरु होते ही रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में पानी की मांग बढ़ गई है। इसका फायदा उठाने के लिए बोतल बंद पानी का अवैध कारोबार भी तेज हो गया है। कोटा मंडल में भी कई स्टेशनों और ट्रेनों में यह अवैध पानी (अनअप्रूव्ड) पानी खुले आम बेचा जा रहा है। गर्मी बढऩे के साथ ही इस अवैध कारोबार में और अधिक तेजी आने की उम्मीद है।
कोटा मंडल के बयाना स्टेशन पर अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है। यहां पर अवैध वेंडर ट्रेनों में अनअप्रूव्ड पानी चढ़ाने के लिए वाहन लेकर प्लेटफार्म पर पहुंच रहे हैं। इस अनअप्रूव्ड पानी से यात्री के स्वास्थ्य को तो खतरा है ही साथ ही स्टेशन पर चल रहा निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। प्लेटफार्म पर बैलगाम दौड़ते इन वाहनों के कारण अमृत भारत योजना के तहत हो रहे नए कामों में टूटफूट हो रही है। इसके बाद भी बाद भी जिम्मेदारों द्वारा न अवैध पानी का कारोबार रोका जा रहा है और न ही प्लेटफार्म पर वाहनों का आना बंद किया जा रहा है।
रोजाना सवा दो लाख का कारोबार
पूरे कोटा मंडल में रेलवे की ओर से अप्रूव्ड करीब 15 हजार ‘रेल नीर’ पानी की बोतलें बिकती हैं। और माना जाता है कि करीब इतनी ही बोतलों का अवैध कारोबार भी है। एक बोतल 15 रुपए के हिसाब से रोजाना करीब सवा दो लाख का अवैध पानी बिकता है। यह राशि तब है जब बोतल 15 रुपए में बेची जाए, लेकिन अधिकतर बोतलों के 20 रुपए वसूले जाते हैं इसके चलते यह आंकड़ा और ज्यादा होता है।
रेल नीर बेचना अनिवार्य
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कोटा, सवाईमाधोपुर और बयाना आदि स्टेशनों पर केवल रेल नीर बेचना अनिवार्य कर रखा है। इन स्टेशनों पर ट्रेनों में भी रेलनीर चढ़ाना जरुरी है। इसके अलावा अन्य स्टेशनों पर रेल नीर के साथ रेलवे द्वारा अप्रूव्ड पानी ही बेचा जा सकता है। लेकिन कई स्टेशनों पर इन नियम की धज्जियां उड़ते सरे आम देखा जा सकता है। आए दिन यात्रियों की शिकातें प्राप्त होती हैं। लेकिन समस्या का ठोस समाधान आज तक नहीं हुआ। रेलनीर का काम भरतीय रेलवे पर्यटन और खानपान इकाई (आईआरसीटीसी) द्वारा देखा जाता है। इसके चलते कोटा मंडल द्वारा इसके लिए आईआरसीटीसी को जिम्मेदार ठहराया जाता है।
गर्मी में तेज रहता है सीजन
अवैध पानी का कारोबार सबसे ज्यादा गर्मी में चलता है। गर्मी में तेज प्यास के चलते यात्री न पानी देखता है और इसकी कीमत। इसका फायदा अवैध वैंडर जमकर उठाते हैं। गर्मी में रेलवे द्वारा कई स्पेशल ट्रेनों का भी संचालन किया जाता है। इन स्पेशल ट्रेनों में पेंट्रीकार की सुविधा नहीं रहती। इसके चलते यह कारोबार तेजी से चलता है।
अवैध वैंडर भी बढ़े
गर्मी के सीजन में यात्रियों और ट्रेनों की संख्या बढऩे के साथ अवैध वेंडरों की संख्या भी बढ़ जाती है। पूरे मंडल में लगभग हर स्टेशन और ट्रेनों में इन अवैध वेंडरों को आसानी से देखा जा सकता है। आगरा के वेंडर बयाना तक और यहां से गंगापुर तक आते हैं। इसी तरह रतलाम तक भी यह वेंडर चलते हैं।
लगाएंगे रोक
बयाना में ट्रेनों में अवैध पानी चढऩे की जानकारी सामने आई है। जिम्मेदारों पर कार्यवाही कर इस पर पूर्ण रुप से रोक लगाई जाएगी। – दिनेश मीणा, आईआरसीटीसी मैनेजर कोटा