Indian Railways: गुड़ला में बैकाबू हुई पटरी, एक ठेकाकर्मी का टूटा पैर
Indian Railways: गुड़ला में बैकाबू हुई पटरी, एक ठेकाकर्मी का टूटा पैर

Indian Railways: रेलवे में लापरवाही से तीन घटनाएं : सवाईमाधोपुर में ओएचई से झुलसा रेलकर्मी, ठेकाकर्मी का टूटा पांव

Indian Railways: रेलवे में लापरवाही से तीन घटनाएं : सवाईमाधोपुर में ओएचई से झुलसा रेलकर्मी, ठेकाकर्मी का टूटा पांव

Rail News: कोटा। कोटा मंडल में बुधवार और गुरुवार को रेलवे की लापरवाही की तीन घटनाएं सामने आई हैं। एक में एक रेल कर्मचारी गंभीर रुप से झुलस गया। वहीं दूसरे में एक ठेका कर्मचारी का पांव टूट गया। इसके अलावा कोटा में हिसार ट्रेन का वातानुकूलित (एसी) यूनिट खुला रह गया। गनिमत रही की इन घटनाओंं में किसी की जान नहीं गई। प्रशासन द्वारा मामलों की जांच की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि शाम करीब 4.30 बजे टीआरडी विभाग द्वारा सवाईमाधोपुर-देवपुरा के बीच जयपुर लाइन पर ब्लॉक लेकर ट्रेन संचालन के लिए लगे बिजली के तार (ओएचई) का रखरखाव किया जा रहा था। काम के लिए रब्बानी खान (38) सहित कुछ कर्मचारी टावर वैगन पर चढ़े हुए थे। इसी दौरान रब्बानी को ओएचई का जोरदार करंट लगा। करंट के झटके से दूर जाकर गिरे रब्बानी गंभीर रुप से झुलस गए। इस घटना से मौके पर मौजूद कर्मचारी बुरी तरह घबरा गए। बाद में साथी कर्मचारी रब्बानी को लेकर तुरंत अनुबंधित निजी अस्पताल पहुंचे। यहां प्राथमिक उपचार के बाद रब्बानी को तुरंत जयपुर रैफर कर दिया। सूचना पर अस्पताल पहुंचे परिजन रब्बानी को लेकर जयपुर रवाना हो गए। रब्बानी के साथ उसके कुछ साथी और जूनियर इंजीनियर भी जयपुर रवाना हुए। कुछ साथी कर्मचारी ट्रेन से भी गए। रब्बानी के करीब 30 प्रतिशत झुलसने की बात सामने आ रही है।
मांझा सुलझाते समय हादसा
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल हादसे के सही कारणों का पता नहीं चल सका है। पर बताया जा रहा है कि रब्बानी ओएचई फीडर की लाईन से उलझे चाइनीज पतंग के मांझे को हटाने की कौशिश कर रहा था। इसी दौरान रब्बानी करंट की चपेट में आ गया। हालांकि ब्लॉक दौरान ओएचई में करंट नहीं रहता। पर बताया जा रहा है पास से गुजर रही एक अन्य ओएचई में करंट था। यह लाइन कैसे चालू थी, इस बात की जांच की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि रब्बानी टेक्नीशियन पद पर कार्यरत है। जरुरत पडऩे पर यह टावर वैगन भी चला लेता है।
गुड़ला में बैकाबू हुई पटरी
इसी तरह गुरुवार को गुड़ला और केशवरायपाटन के बीच भी ब्लॉक लेकर रेल पटरियों का रखरखाव (डीसटेस्टिंग) किया जा रहा था। यहां कट लगाकर गर्मी में पटरी के फैलाव को समायोजित करने का काम किया जाना था। लेकिन यहां कट लगाने से पहले करीब 500 मीटर पटरी की चाबियां खोल दी गईं। चाबी खुलते ही कट के अभाव में पटरी एक तरफ फैल गई। अचानक हुई इस घटना में मौके पर मौजूद एक ठेका कर्मचारी के पैर में चोट लग गई। आनन-फानन में कर्मचारी को तुरंत कोटा एमबीएस अस्पातल पहुंचाया गया। यहां डॉक्टरों ने कर्मचारी का पंजा टूटने और ऑपरेशन की बात कही है।
बाल-बाल बचे कर्मचारी और मशीन
इस घटना में मौके पर मौजूद अन्य कई रेल और ठेका कर्मचारी तथा एक पटरियों के रखरखाव के काम आने वाली टीटीएम (बीसीएस) मशीन भी बाल-बाल बची। इस घटन के बाद दहशत में आए ठेका कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया। बाद में यहां रेल कर्मचारियों ने काम किया।
हिसार ट्रेन का खुला एसी यूनिट
इसी तरह बुधवार को रखरखाव के दौरान कोटा-हिसार ट्रेन का छत पर लगा एसी यूनिट कंडेसर कंप्रेसर की जाली खुली रह गई। रखरखाव के बाद यह ट्रेन ऐसे ही कोटा आ गई। बाद में सूचना मिलने पर स्टेशन पर ही इस खामी को दूर किया गया। इसके चलते कोटा से यह ट्रेन करीब घंटा देरी से रवाना हुई। कोटा से इस ट्रेन का चलने का समय रात 11.45 बजे है। अगर यह जाली खुली रह जाती तो चलती ट्रेन में कोई हादसा भी हो सकता था।
लापरवाही से हादसा
कमचारियों ने बताया कि इन हादसों में लापरवाही की बात सामने आ रही है। पहली घटना में ब्लॉक दौरान पास की लाइन में करंट का ध्यान नहीं रखा गया। इसी तरह दूसरी घटना में बिना कट लगाए पटरी की चाबियां खोल दी गईं। तीसरे मामले में भी ट्रेन के रखरखाव में लापरवाही सामने आई। जब कि तीनों जगह सुपरवाइजर भी मौजूद थे। फिर भी संरक्षा में खामी रह गई। इसके अलावा टीआरडी विभाग में कई दूसरे विभागों के सुपरवाइजरों के भी काम करने की बात सामने आ रही है। ऐसे में कई बार अधिक जानकारी के अभाव में भी कई बार हादसे हो जाते हैं।