Indian Railways: लाखेरी में भी गुडला जैसा हादसा, दो ट्रेकमैनों में टूटे पांव
Indian Railways: लाखेरी में भी गुडला जैसा हादसा, दो ट्रेकमैनों में टूटे पांव

Indian Railways: लाखेरी में भी गुडला जैसा हादसा, दो ट्रेकमैनों में टूटे पांव

Indian Railways: लाखेरी में भी गुडला जैसा हादसा, दो ट्रेकमैनों में टूटे पांव

Rail News: कोटा। रेल पटरी पर काम के दौरान लाखेरी-लबान के बीच भी गुडला-केशवरायपाटन जैसा हादसा सामने आया है। इस घटना में भी दो ट्रेकमैंटनरों के पांव टूट गए। दोनों ट्रेकमैंटनरों का इलाज कोटा रेलवे अस्पताल में चल रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि यह घटना भी गुडला-केशवरापाटन वाले दिन गुरुवार की ही है। लेकिन अधिकारियों द्वारा छुपाने के कारण यह सामने नहीं आ सकी थी। गुडला-केशवरायपाटन की तरह लाखेरी में भी ट्रेकमैन तेज गर्मी से रेल पटरी फैलने से होने वाले संभावित हादसे रोकने के लिए कट लगाकर लाइन को समायोजित करने (डिस्ट्रेसिंग) का काम कर रहे थे। यहां भी कर्मचारियों ने पटरी को बिना काटे लाइन की चाबियां निकाल दीं। इसके चलते कट लगते ही पटरी तेजी से एक तरफ भागी। इस अप्रत्याक्षित घटना से ट्रेकमैंटनर हरिप्रसाद मीणा और बिशनपाल पटरी की चपेट में आए। इससे हरिप्रसाद और बिशनपाल के पांव फैक्चर हो गए। इसके बाद आनन-फानन में एक मालगाड़ी रुकवा कर दोनों को कोटा भेजा गया। मालगाड़ी में देरी होते देख लबान स्टेशन जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन को रुकवाया गया। इसके बाद हरिप्रसाद और बिशनपाल को सुरपफास्ट ट्रेन से कोटा भेजा गया।
यहां से इन्हे तुरंत रेलवे अस्पताल पहुंचाया गया। यहां जांच कर डॉक्टरों ने दोनों को भर्ती कर लिया। दोनों की हालत में फिलहाल सुधार बताया जा रहा है।
गुड़ला में भी हुआ था ऐसा हादसा
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को ही गुड़ला-केशवरायपाटन के बीच भी इसी तरह के काम में ठीक ऐसा ही हादसा हुआ था। यहां भी कट लगाए बिना पटरी की चाबियां खोल दी थीं। इसके चलते तेजी से एक तरफ भागी पटरी की चपेट में आने से एक ठेकदार कर्मचारी का पांव टूट गया था।
बड़ी घटना टली
गनिमत रही की इन दोनों में घटनाओं में बड़ी घटना टल गई। घटना के समय मौके पर बड़ी संख्या में कर्मचारी काम कर रहे थे। अगर अन्य कर्मचारी भी पटरी की चपेट में आते तो बड़ी घटना घट सकती थी।
रेलवे में मचा हडकंप
संरक्षा में लापरवाही के एक साथ चार मामले सामने आने से कोटा रेल मंडल में हड़कंप मचा हुआ है। एक ओर जहां अधिकारी घटना के कारणों और जिम्मेदारों का पता लगाने में जुटे हुए हैं, वहीं कर्मचारियों के बीच भी यह मामले चर्चा का विषय बने हुए हैं।
कर्मचारी एक-दूसरे से इन मामलों की जानकारी लेने की कौशिशों में जुटे हुए हैं। इसके चलते कर्मचारी इन मामलों की खबरों को आपस में खूब शेयर भी कर रहे हैं।
वहीं कई कर्मचारी इन घटनाओं के लिए अधिकारियों और स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है प्रशासन की मेहरबानी के चलते फील्ड में काम की जगह कई कर्मचारियों को ऑफिसों में बिठा रखा है। इसके फील्ड में काम कर रहे कर्मचारियों पर काम का बोझ बड़ रहा है। इससे कर्मचारी तनाव में काम करने को मजूबूर हैं। इसके अलावा कई सुपरवाइजर अपनी सुविधा के अनुसार अपने मूल विभाग से इतर दूसरे विभागों में काम कर रहे हैं। कई सुपरवाइजर वर्षों से एक ही जगह टिके हुए हैं। पिछले दिनों सामने आई कई घटनाओं में जिम्मेदारों पर कार्यवाई की बात सामने नहीं आने को भी बढ़ते हादसों का कारण माना जा रहा है।
कर्मचारी झुलसा
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को ही सवाई माधोपुर में टावर वैगन पर काम करते समय टीआरडी विभाग का एक कर्मचारी रब्बानी खान 25 हजार वोल्ट करंट की ओएचई लाइन की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलस गया था। रब्बानी का इलाज फिलहाल जयपुर में चल रहा है। यहां रब्बानी की हालत पहले से ठीक बताई जा रही है। इसी तरह बुधवार को रखरखाव के दौरान कोटा-हिसार ट्रेन के एसी कोच में तकनीकी खामी रह गई थी। समय रहते इस खामी का पता चलने से बड़ी घटना टल गई थी। इस खामी के चलते कोटा से यह ट्रेन करीब एक घंटा देरी से रवाना हुई थी।