indian railways

Indian Railways: अब जनरल कोच भी होंगे एसी, कोटा में ट्रॉयल शुरु, दौड़ेगा 180 से

Indian Railways: अब जनरल कोच भी होंगे एसी, कोटा में ट्रॉयल शुरु, दौड़ेगा 180 से

Rail News:  ट्रेनों के जनरल (सामान्य) कोच भी अब वातानुकूलित (एसी) होंगे। रेलवे द्वारा ऐसे कोचों का निर्माण भी शुरु कर दिया गया है। ऐसा ही एक कोच इन दिनों कोटा आया हुआ है। लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा शुक्रवार से इसका ट्रॉयल (परिक्षण) शुरु किया गया है। सवाईमाधोपुर-नागदा रेल खंड के बीच यह परिक्षण करीब 25 दिन तक लगातार चलेगा। पहले दिन कोटा-नागदा रेलखंड के बीच इस कोच का परिक्षण किया गया। इस दौरान कोच को रोहलखुर्द-शामगढ़ के बीच करीब 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाया। अधिकारियों ने पहले दिन का परिक्षण पूरी तरह सफल बताया। सोमवार को कोटा-महितपुर स्टेशनों के बीच अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कोच का परिक्षण किया जाएगा। परिक्षण के दौरान सामने आई खामियों को दूर कर शुरुआत में इन कोचों को प्रयोगिक तौर पर ट्रेनों में लगाया जाएगा। यात्रियों को पसंद आने पर सभी ट्रेनों में इन कोचों को लगाने का काम शुरु किया जाएगा।
तेज रफ्तार ट्रेनों में लगेंगे यह कोच
एसी वाले यह जनरल कोच शुरुआत में तेज रफ्तार वाली ट्रेनों में लगाए जाएंगे। कोटा मंडल में संभवत: इसी साल से ट्रेनें अधिकतम 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेनें दौडऩे लगेंगी। इन सभी ट्रेनों में यह एसी वाले जनरल कोच लगाए जाएंगे। यात्रियों को इनमें आरक्षण कराकर बैठना होगा।
उल्लेखनीय है कि रेलवे बोर्ड ने संरक्षा की दृष्टि से 130 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार वाल ट्रेनों में बिना एसी वाले जनरल कोच लगाने पर रोक लगा रखी है। इसका कारण हवा की तेज रफ्तार को बताया जा रहा है। तेज रफ्तार से दौड़ती ट्रेन में हवा भी तेजी के साथ कोचों में घुसती है। 130 से अधिक रफ्तार से दौडऩे वाली ट्रेनों में यह हवा असहनिया हो जाती है। इससे यात्रियों को खतरा हो सकता है। साथ ही रफ्तार भी प्रभावित हो सकती है। इसलिए 130 किलोमीटर से अधिक रफ्तार से दौडऩे वाली ट्रेनों के कोचों को पूरी तरह कवर होना जरुरी है, ताकि हवा अंदर प्रवेश नही सके।
लागत करीब 2.24 करोड़
सामान्य को एसी में बदलने की एक कोच की लागत फिलहाल करीब 2 करोड़ 24 लाख रुपए आ रही है। लेकिन बड़े स्तर पर इनका निर्माण होने से लागत में कमी भी आ सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि अभी जरनल सेकेंड क्लास कोच में करीब 100 यात्रियों के बैठने की सुविधा होती है। जब कि एसी कोच में इससे 120 तक यात्री बैठ सकेंगे। किराया अन्य एसी कोचों से कम रहने की संभावना है। इन कोचों में ऑटोमेटिक बंद होने वाले दरवाजे होंगे। इन कोचों का निर्माण पंजाब के कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि रेलवे इससे इकोनॉमी स्लीपर कोच भी बना चुका है। इसका किराया अन्य एसी कोचों से कम रहता है। यह कोच अब सभी ट्रेनों में लगाए जा रहे है।
25 दिन चलेगा परिक्षण
कोटा मंडल में जनरल एसी कोच का परिक्षण शुरु किया गया है। परिक्षण सफल होने पर इसे तेज रफ्तार ट्रेनों में लगाया जा सकेगा। अधिकतम 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कोच का ट्रॉलय होगा। – शेलेश सिंह, आरडीएसओ टेस्टिंग अधिकारी (एआरई)