Indian Railways: सवाईमाधोपुर से ट्रेनों में चढ़ रहा अवैध खाना, प्रतिबंधित प्लास्टिक थाली में परोस रहे, सांसद जता चुके हैं आपत्ती
Indian Railways: सवाईमाधोपुर से ट्रेनों में चढ़ रहा अवैध खाना, प्रतिबंधित प्लास्टिक थाली में परोस रहे, सांसद जता चुके हैं आपत्ती

Indian Railways: सवाईमाधोपुर से ट्रेनों में चढ़ रहा अवैध खाना, प्रतिबंधित प्लास्टिक थाली में परोस रहे, सांसद जता चुके हैं आपत्ती

Indian Railways: सवाईमाधोपुर से ट्रेनों में चढ़ रहा अवैध खाना, प्रतिबंधित प्लास्टिक थाली में परोस रहे, सांसद जता चुके हैं आपत्ती

Rail News:  कोटा मंडल में सवाईमाधोपुर, बयाना और भरतपुर आदि स्टेशनों से ट्रेनों में अवैध रुप से खाना चढऩे का मामला सामने आया है। यह खाना भी प्रतिबंधित प्लास्टिक थालियों में परोस रहे हैं। इससे यात्रियों के स्वास्थ को खतरा है। पिछले दिनों सांसद भी इस पर आपत्ती जता चुके हैं। वहीं अधिकारियों द्वारा हमेशा की तरह मामले को दिखवाने की बात कही जा रही है।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेनों की पेंट्रीकार (रसोईयान) में ठेकेदार द्वारा आईएसओ प्रमाण-पत्र धारी रसोई घर से ही खाना ले सकते हैं। साथ ही यात्रियों को खाना भी एल्मूनियन फाउल में परसोना होता है। लेकिन कई ट्रेनों में इन नियमों की धज्जियां उड रही हैं।
नाले पर बनी रसोई से चढ़ रहा खाना
सवाईमाधोपुर में स्टेशन नाले के पास बनी एक रसोई ट्रेनों रोजाना बड़ी संख्या में खाना चढ़ाया जा रहा है। नाले की वजह से यहां रसोई के आसपास गंदगी का ढेर लगा रहता है। यहीं पर खाना बताया जाता है। यहां पर कोई यात्री खाना बनता देख ले तो वह कभी खाए ही नहीं।
सांसदों ने जताई आपत्ती
पिछले महिने राज्य सभा के कई सांसदों ने देश भर में कई ट्रेनों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद सांसदों ने पश्चिम-मध्य रेलवे जबलपुर आयोजित एक बैठक में अधिकारियों को ट्रेनों में मिली खामियों के बारे में अवगत कराया। लेकिन इसके करीब 15 दिन बाद भी व्यवस्थाओं में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है।
सांसदों ने हानिकारक एवं प्रतिबंधित प्लास्टिक की थालियों और पॉलिथिन की थैलियों में खाना देने तथा खराब बैडरोल आदि की समस्याएं प्रमुख रुप से उठाई थीं।
जम्मू कश्मीर से राज्यसभा सांसद गुलाम अली ने बैठक में कहा था कि ट्रेनों में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता अच्छी नहीं है। असम से राज्यसभा सांसद वीरेंद्रप्रसाद वैश्य ने कहा था कि ठेकेदारों द्वारा संचालित पेंट्रीकार की सर्विस घटिया है। साथ ही खाने की अधिक कीमत भी वसूली जाती है।
उत्तरप्रदेश के सांसद सकलदीप ने कहा था कि बाहर की होटलों में बना खाना स्टेशन पर बेचा जाता है। इसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं होती।
संसदीय समिति भी जता चुकी है आपत्ती
इसी साल फरवरी में पेश संसद की लोक सेवा समिति भी ट्रेनों में मिलने वाले खाने को घटिया बता चुकी है। कमेटी ने कहा था कि रेलवे के कैटरिंग पॉलिसी में बार-बार बदलाव और मौजूदा पॉलिसी के अंदर मौजूद कई कमियों के कारण खाने की क्वालिटी और साफ. सफाई के साथ समझौता हो रहा है।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी की अध्यक्षता वाली इस समिति ने रेलवे परिसर के बाहर बेस किचन होने पर आपत्ती जताई थी। इसके कारण भोजन की गुणवत्ता, स्वच्छता और साफ.सफाई से समझौता होता है। समिति ने कहा था कि केवल 16 बेस किचन रेलवे परिसर के अंदर और 115 बाहर हैं। इसके अलावा समिति ने अवैध वेंडरों का भी मुद्दा उठाया था।
कराते हैं समाधान
सांसदों की अपत्ती पर पश्चिम-मध्य रेलवे मुख्य प्रबंधक रवीद्र श्रीवास्तव ने कहा था कि यह समस्याएं जोनल और मंडल स्तर की हैं। इनका समाधान भी करते हैं।
ताजा मामले में भी रवींद्र ने कहा शिकायतों के समाधान के लिए कोटा मंडल वाणिज्य अधिकारियों और आरपीएफ को पत्र लिया है। यदि अभी भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है तो मामले को दिखवाया जाएगा।