वाणिज्य विभाग ने पार्टी को पहुंचाया 5 लाख रुपए का लाभ, विजिलेंस ने पकड़ा मामला

वाणिज्य विभाग ने पार्टी को पहुंचाया 5 लाख रुपए का लाभ, विजिलेंस ने पकड़ा मामला
कोटा। वाणिज्य विभाग द्वारा पार्टी को 5 लाख रुपए का लाभ पहुंचाने का मामला सामने आया है। विभाग द्वारा पार्टी को यह लाभ ओवरलोड कोयला परिवहन मामले में दिया गया। विजिलेंस द्वारा मामला पकड़ में आने के बाद वाणिज्य विभाग ने शनिवार को आनस-फानस में पार्टी से 5 लाख रुपए और वसूली की तैयारी की गई। अब पार्टी को जुर्माने के रूप में रेलवे को कुल 8 लाख 52 हजार रुपए चुकाने होंगे।
उल्लेखनीय है कि वाणिज्य विभाग ने पार्टी पर शुक्रवार को 3 लाख 47 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था।
मामले में गड़बड़ी नजर आने पर विजिलेंस ने शनिवार को वाणिज्य विभाग से जुर्माने की गणना दोबारा से करने को कहा। मामला पकड़ में आता देख वाणिज्य विभाग में जुर्माने में 5 लाख 5 हजार रुपए की राशि और जोड़ दी। इस तरह जुर्माने की रकम 3 लाख 47 हजार से बढ कर कुल 8 लाख 52 हजार रुपए हो गई। अगर विजिलेंस द्वारा समय रहते इस मामले को पकड़ा नहीं जाता तो रेलवे को 5 लाख रुपए का चुना लगना लगभग तय था।
वाणिज्य विभाग पहले भी लगा चुका है रेलवे को करोड़ों का चूना
उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल के कई स्टेशनों पर वाहन पार्किंग, पे एंड यूज शौचालय, सफाई और माल गोदाम आदि के समय रहते टेंडर नहीं कर वाणिज्य विभाग पिछले करीब एक साल में रेलवे को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुका है।
गौरतलब है कि कोरोना काल रेलवे की हालत माली हालत पहले ही खराब है। इसके बाद भी अधिकारी रेलवे को चूना लगाने से बाज नहीं आ रहे।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि पश्चिम-मध्य रेलवे विजिलेंस ने बुधवार को कोटा में कोयले से भरी एक मालगाड़ी की जांच की थी। इस जांच में विजिलेंस को 12 डिब्बों में क्षमता से अधिक कोयला भरा मिला था। इसके बाद बिजनेस ने कागजात जप्त कर मामले में कार्रवाई की शुरु की थी।
यह मालगाड़ी बिलासपुर से झालावाड़ स्थित कालीसिंध थर्मल के लिए आई थी।
सूत्रों ने बताया कि 12 में से 4 डिब्बों में कोयला बहुत अधिक भरा था। अधिक वजन के चलते यह डिब्बे चलने की स्थिति में नहीं थे। इसके चलते इन चार डिब्बों को कोटा में ही काट लिया गया था। बाकी मालगाड़ी को काली सिंध रवाना कर दिया गया था।
बाद में इन चार डिब्बों से अधिक भरा हुआ कोयला निकाला गया था। इसके बाद 4 डिब्बों को रवाना किया गया। बाहर निकाले गए अतिरिक्त कोयले को ट्रकों में भरकर भेजा गया था।
रेलवे ने यह जुर्माना डेमरेज, गाड़ी चलने में देरी और शंटिंग आदि के रूप में वसूला है।
सूत्रों ने बताया कि गनीमत रही कि अधिक वजन के चलते गाड़ी रास्ते में कहीं दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई।