रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की गलत नीति के कारण आम जरूरत की सवारी गाड़ी बंद रहने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है

रेलवे बोर्ड के अधिकारियों की गलत नीति के कारण आम जरूरत की सवारी गाड़ी बंद रहने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इस संबंध में
 कार्यकर्ता नरेश कुमार दुबे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर  गरीब जनता के हितैषी है पर ऐसा लगता है किआपके रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष व रेलवे के उच्च अधिकारी गरीब जनता के हितैषी नहीं है यदि होते तो देश मे कोराना काल मे जो पैसेंजर व अन्य सवारी गाडी बंद कर दी उनको अब तो चालू कर दे।माननीय प्रधानमंत्री जी रोडवेज बस व अन्य निजी बस तो पिछले कई महीनों से चल रही हैं ।उनसे जब देश मे कौराना नहीं फैल रहा है तो पैसेंजर व अन्य सवारी गाडी जिसमें गरीब व मध्यम वार्गीय यात्री चलते हो उनसे कोराना कैसे फैल जाएगा।माननीय प्रधानमंत्री जी जब दिल्ली के चारो तरफ लाखों की संख्या मे किसान बैठे हैं उनसे कोराना नही फैल रहा है तो फिर पैसेंजर व अन्य सवारी गाडी जो बंद है उनके पुनः चालू करने से फैल जाएगा यह अंंसभव है।माननीय प्रधानमंत्री जी इस समय जो एसी गाडी व अन्य वीवीआईपी सवारी सवारी गाड़ी चल रही हैं उनका किराया भी इतना है कि आम गरीब व्यक्ति जिसको थोडी दूर जाना है वो वहन नहीं कर सकता है। माननीय प्रधानमंत्री जी रेलवे के उच्च अधिकारियों को आम जनता से प्यार नहीं इसलिए एसी व अन्य वीपीआई राजधानी रेल गाडी तो चल रही है उनसे कोराना नही फैल रहा उनकी सोच ऐसी है कि पैसेंजर व अन्य सवारी गाडी चलने से कोराना फैल सकता है।माननीय प्रधानमंत्री जी आप व रेलमंत्री श्री पीयूष गोयल जी गरीबों के हितैषी है इन चीजो को रेल अधिकारियों को जानकारी होनी चाहिए यदि नहीं है तो यह रेल अधिकारियों को घंमड है
उन्होंने गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों को हो रही असुविधा को देखते हुए देश की रीढ पैसेंजर व अन्य सवारी गाडी को जो बंद है उनको पुनः चालू करने के आदेश रेल मंत्री व रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष व अन्य उच्च अधिकारियों को देगे।
प्रधानमंत्री  इससे रेलवे की आय बढेगी व स्थानीय छोटे शहरो मे व्यापार भी बढेगा।जिससे लोगों की आय बढेगी व बेरोजगारी भी दूर होगी।