कोटा के गार्ड की नागदा में मौत, ट्रेन से कटा, दीपावली के दिन हादसा

कोटा के गार्ड की नागदा में मौत, ट्रेन से कटा, दीपावली के दिन हादसा
कोटा।  कोटा के एक गार्ड की नागदा स्टेशन पर गुरुवार दीपावली की रात ट्रेन से कटकर मौत हो गई। गार्ड का शव शुक्रवार रात कोटा पहुंचा। गार्ड का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह कालातलाब स्थित मुक्तिधाम पर किया जाएगा।
साथी कर्मचारियों ने बताया कि पूनम कॉलोनी के पास स्थित दुर्गा नगर निवासी गार्ड राजेंद्र गोचर दीपावली के दिन शाम को मालगाड़ी लेकर ड्यूटी पर नागदा गए थे।
ट्रेन रात करीब 11:30 बजे नागदा स्टेशन पहुंची थी। यहां ड्यूटी खत्म होने पर राजेंद्र सूचना देने स्टेशन मास्टर के पास जा रहे थे। तभी पटरी पार करते समय राजेंद्र अचानक किसी अज्ञात ट्रेन की चपेट में आ गए। ट्रेन से कई जगह से कटने पर राजेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई।
रात भर पटरी पर पड़ा रहा शव
इस घटना के बाद राजेंद्र का शव रात भर पटरी पर ही पड़ा रहा। इस दौरान संभवत कई ट्रेनें निकलने से शव और अधिक क्षत-विक्षत हो गया। शव के इतने टुकड़े हो गए कि उन्हें बोरियों में भरकर लाना पड़ा। पटरी पर शव पड़ा होने की सूचना सुबह करीब 7:15 बजे मिली। इसके बाद मौके पर पहुंची जीआरपी ने शव को अस्पताल पहुंचाया। जेब से बरामद कागजातों और मोबाइल सिम के आधार पर सुबह करीब 11 बजे राजेंद्र की पहचान हो सकी।
रेलवे में मचा हड़कंप
मामले की जानकारी मिलने पर कोटा रेलवे में हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने कुछ साथी कर्मचारियों को अवध ट्रेन से तुरंत नागदा के लिए रवाना किया। राजेंद्र के परिजन भी निजी वाहन से नागदा के लिए रवाना हुए।
बाद में पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों और साथी कर्मचारियों को सौंप दिया।
कर्मचारी मालगाड़ी से शव लेकर रात करीब 9:45 बजे कोटा पहुंचे। इसके बाद शव को रेलवे अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया। राजेंद्र की शव यात्रा सुबह करीब 8 बजे घर से रवाना होगी।
लक्ष्मी पूजा भी नहीं कर सके थे राजेंद्र
ड्यूटी का समय होने के कारण राजेंद्र लक्ष्मी पूजा भी नहीं कर सके थे। ट्रेन का समय होने के कारण राजेंद्र को लक्ष्मी पूजा से ठीक पहले घर से निकलना पड़ा। हालांकि की परिवार वाले चाहते थे कि राजेंद्र लक्ष्मी पूजा करके ड्यूटी पर जाएं। लेकिन ड्यूटी की मजबूरी होने के कारण राजेंद्र को घर से निकलना पड़ा। राजेंद्र की उम्र करीब 48 वर्ष थी। राजेंद्र के एक बेटा और बेटी की अभी शादी नहीं हुई है। बेटा-बेटी के अलावा राजेंद्र अपनी मां और पत्नी के साथ रहते थे।