कोटा मंडल की गलती से गिरी मथुरा के पास मालगाड़ी, गड़बड़ी दिखने के बाद भी नहीं रोकी भरतपुर में

कोटा मंडल की गलती से गिरी मथुरा के पास मालगाड़ी, गड़बड़ी दिखने के बाद भी नहीं रोकी भरतपुर में
कोटा। न्यूज़. मथुरा-पलवल के बीच शुक्रवार रात गिरी मालगाड़ी हादसे की आंच कोटा मंडल तक पहुंच सकती है। घटना का कारण कोटा मंडल की गलती से होने की बात सामने आ रही है। हालांकि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो सकेगी।
सूत्रों ने बताया कि यह मालगाड़ी चित्तौड़गढ़ से होती हुई गंगापुर पहुंची थी। यहा स्टाफ बदलने के बाद मालगाड़ी दिल्ली की ओर रवाना हुई थी। रात करीब 10:30 बजे मालगाड़ी भरतपुर स्टेशन से निकल रही थी। तभी स्टेशन स्टाफ को इंजन के पीछे तीसरे डिब्बे के पहिए से चिंगारी निकलती नजर आई थी। कर्मचारियों द्वारा इसकी सूचना तुरंत कंट्रोल टावर को दी गई। कंट्रोल टावर द्वारा इसकी सूचना धौरमुई जघीना स्टेशन पर नोट करवाई गई। लेकिन इसके बाद भी मालगाड़ी को कहीं पर भी नहीं रोका जा सका। अंततः भूतेश्वर-वृंदावन के बीच मालगाड़ी पटरी से उतर गई। माना जा रहा है कि हॉट एक्सेल के कारण मालगाड़ी बेपटरी हुई।
रजिस्टर में नोट है चिंगारी दिखने की घटना
सूत्रों ने बताया कि चिंगारी दिखने की यह घटना भरतपुर में रजिस्टर में भी नोट है। चिंगारी देखने के बाद अगर समय रहते हैं मालगाड़ी को रोक लिया जाता है तो यह घटना नहीं होती। लेकिन मालगाड़ी रोकने की जगह कर्मचारी एक दूसरे पर मामला टालते रहे। कर्मचारियों की लापरवाही के चलते हैं रेलवे को एक ही झटके में करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया। यह नुकसान रेलवे ट्रैक और डिब्बों के क्षतिग्रस्त होने के अलावा 24 घंटे में सैकड़ों गाड़ियों के रद्द होने, देरी से चलने और मार्ग परिवर्तन के कारण हुआ है। इसके अलावा डिब्बों में भरे माल का भी नुकसान हुआ है।
सीआरबी की चेतावनी का नहीं असर
उल्लेखनीय है कि बीकानेर-गुवाहाटी ट्रेन हादसे के बाद रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष (सीआरबी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विनीत कुमार त्रिपाठी ने अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए थे। निर्देश की पालना नहीं करने पर त्रिपाठी ने कार्रवाई की चेतावनी तक भी दी थी। लेकिन 4 दिन बाद ही कोटा मंडल में सीआरबी के आदेश हवा होते नजर आ रहे हैं।
24 घंटे बाद बहाल हुआ रास्ता
घटना के 24 घंटे बाद मथुरा-दिल्ली के बीच रास्ता बहाल हो सका है। हालांकि की ट्रेनों का संचालन पूरी तरह सामान्य होने में अभी और समय लगेगा। मार्ग परिवर्तन के कारण अभी भी कई दर्जन ट्रेनें घंटों देरी से चल रही हैं।
यह घटना शुक्रवार रात करीब 11:30 बजे हुई थी। शनिवार आधी रात के बाद यह रास्ता आंशिक रूप से खोल दिया गया। फिलहाल यहां से ट्रेनों को धीमी रफ्तार से निकाला जा रहा है।