Indian Railways : ट्रेन से कटकर ट्रैकमैन की मौत, अनुपस्थिति लगाकर 10 दिन का वेतन काटे जाने से था परेशान

Indian Railways : ट्रेन से कटकर ट्रैकमैन की मौत, अनुपस्थिति लगाकर 10 दिन का वेतन काटे जाने से था परेशान, शव रखकर देर रात तक विरोध, दोषी अधिकारियों की बर्खास्तगी पर अडे कर्मचारी
गंगापुर सिटी  के पास पीलोदा स्टेशन पर मंगलवार को ट्रेन से कटकर एक ट्रैकमेंटेनर की मौत हो गई। परिजन और साथी कर्मचारी देर रात तक शव को रखकर मामले के दोषी अधिकारियों की बर्खास्तगी की मांग पर अड़े रहे। दोषियों पर कार्रवाई के आश्वासन पर 12 घंटे बाद अस्पताल में रखवाया गया शव। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते दोषी अधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया गया तो बुधवार को ट्रैकमैन का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया जाएगा।
साथी कर्मचारियों ने बताया कि ट्रैकमेंटेनर का नाम हीरा लाल महावर (50) था। यह गंगापुर स्थित कोलीपाड़ा नसिया कॉलोनी का रहने वाला था। हीरालाल मेट के पद पर कार्यरत था। इसके चलते हीरालाल गेट पर ड्यूटी करता था। लेकिन करीब 4 महीने पहले अधिकारियों ने हीरालाल को मेट के पद से हटाकर की-मैन के काम पर लगा दिया। की-मैन के बाद अधिकारियों ने नियमित तरीके से हीरालाल को पटरियों की ग्रेसिंग के काम पर लगा दिया था। जबकि रेलवे बोर्ड के स्पष्ट नियम हैं कि की-मैन से दृश्यम का कार्य नहीं कराया जाएगा। इसके बाद भी अधिकारियों ने जानबूझकर प्रताड़ित करने के उद्देश्य से हीरालाल को ग्रेसिंग कार्य पर लगा दिया।
सामान मांगने पर लगाई अनुपस्थिति
साथी कर्मचारियों ने बताया कि जमांदार होने के नाते हीरालाल ने अधिकारियों से काम के लिए कुछ जरूरी सामान की मांग की थी। हीरालाल ने इसके लिए अधिकारियों को सामान की लिस्ट का व्हाट्सएप भी किया था। व्हाट्सएप करने से अधिकारी हीरालाल पर गुस्सा हो गए। अधिकारियों ने अनुपस्थिति लगाकर हीरालाल का 10 दिन का वेतन काट लिया। इसके चलते हीरालाल काफी मानसिक तनाव में था। इस तनाव के चलते ही हीरालाल को ट्रेन आने का पता नहीं चला। पटरियों पर काम करते समय शाम करीब 4:15 बजे दिल्ली-अहमदाबाद गुजरात संपर्क क्रांति चपेट में आने से हीरालाल की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि हीरालाल का शव गंभीर रूप से क्षत-विक्षत हो गया।
अधिकारियों को ठहराया दोषी
हीरालाल की मौत की सूचना पर बड़ी संख्या में साथी कर्मचारी और परिजन मौके पर पहुंच गए। कर्मचारियों ने हीरालाल की मौत के लिए गंगापुर के सहायक मंडल इंजीनियर मलखान सिंह मीणा तथा वरिष्ठ खंड अभियंता समय सिंह मीणा को दोषी ठहराया है। कर्मचारियों और परिजनों ने बताया कि मलखान सिंह और समय सिंह काफी लंबे समय से हीरालाल को मानसिक रूप प्रताड़ित कर रहे थे। सीनियर होते हुए भी नियमित तरीके से हीरालाल से जूनियर का काम कराया जा रहा था। विरोध करने पर मलखान सिंह और समय सिंह हीरालाल का शोषण कर रहे थे।
कर्मचारियों ने बताया कि मामले की शिकायत कई बार मंडल अधिकारियों को भी की गई थी। लेकिन मंडल अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेना जरूरी नहीं समझा।
परिजनों और साथी कर्मचारियों ने मलखान सिंह और समय सिंह के खिलाफ जीआरपी में एक रिपोर्ट भी दी है। साथ ही डीआरएम के नाम का एक ज्ञापन पीलोदा स्टेशन मास्टर को भी सौंपा है। इस ज्ञापन में कर्मचारियों ने मलखान सिंह और समय सिंह पर सभी ट्रैक मेंटेनरों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया हैः
रात 10 बजे उठाया शव
ट्रैक मेंटेनरों ने बताया कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के अधिकारियों के आश्वासन के बाद रात करीब 10 बजे हीरालाल के शव को मौके से उठाया गया। इससे पहले ट्रैक मेंटेनर और परिजन मलखान सिंह और समय सिंह पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे हैं।
सूचना पर आरपीएफ, जीआरपी और सिविल पुलिस भी मौके पर पहुंच गई।
सूचना पर मलखान सिंह और समय सिंह भी मौके पर पहुंचे। इन दोनों को देखते ही कर्मचारियों का गुस्सा और भड़क उठा। कर्मचारियों ने देखते ही मलखान सिंह और समय सिंह के खिलाफ मुर्दाबाद के जोरदार नारे लगाए।
कर्मचारी हीरालाल की मौत से इतने उत्तेजित थे कि अधिकारियों को मौके पर ही सबक सिखाने और ट्रैक जाम करने के लिए के लिए तैयार हो गए। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस जैसे तैसे कर्मचारियों को रोकने में कामयाब रही।
कोटा से नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
कर्मचारियों ने बताया कि हीरालाल का शव 12 घंटे तक भी मौके पर पड़ा होने के बाद भी कोटा मंडल के किसी अधिकारी ने घटनास्थल पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा।
मामले पर मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई। लेकिन फोन और मैसेज करने के बाद भी शर्मा ने मामले पर कुछ भी जवाब देना जरूरी नहीं समझा।