Indian Railways : पूरे भारत में कोटा में ट्रेन चालकों को मिलती हैं सबसे ज्यादा छुट्टियां, गलत साबित होने पर ….

Indian Railways : पूरे भारत में कोटा में ट्रेन चालकों को मिलती हैं सबसे ज्यादा

छुट्टियां, गलत साबित होने पर सुपरवाइजर इस्तीफा देने को तैयार, महिलाओं ने सेफ्टी

सेमिनार में उठाया था प्रश्न

Kota Rail News : कोटा रेल मंडल प्रशासन द्वारा बुधवार को रेलवे संस्थान में सेफ्टी सेमिनार का आयोजन किया गया। दो सत्र में आयोजित इस सेमिनार में गार्ड-ड्राइवरों के अलावा उनकी पत्नियों को भी आमंत्रित किया गया था।
सेमिनार में कई गार्ड-ड्राइवरों की पत्नियों ने उनके पतियों को समय पर छुट्टी और रेस्ट नहीं मिलने का मुद्दा उठाया। इस पर नाराज लॉबी सुपरवाइजर रामनिवास मीणा ने कहा कि भारतीय रेलवे में कोटा में ड्राइवरों को सबसे ज्यादा छुट्टियां दी जाती हैं। मीणा यहीं नहीं रुके। मीणा ने यहां तक कह दिया कि अगर कोई इसे गलत साबित कर देगा वह अपने पद से इस्तीफा तक दे देंगे।
मामला गंभीर होने पर अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन की पूरी कोशिश होती है कि सभी को समय पर छुट्टी मिल सके। लेकिन विपरीत परिस्थितियों के चलते हो सकता है कई बार यह संभव नहीं हो पाता हो। अधिकारियों ने कहा कि इस मामले में और अधिक पारदर्शिता लाने की कोशिश की जाएगी।
Indian Railways : पूरे भारत में कोटा में ट्रेन चालकों को मिलती हैं सबसे ज्यादा छुट्टियां गलत साबित होने पर ....
नाइट ड्यूटी करा लेते हैं भत्ता नहीं देते
सेमिनार में महिलाओं का नाइट ड्यूटी भत्ते नहीं देने का गुस्सा भी फूटा। महिलाओं ने कहा कि प्रशासन उनके पतियों से रात में लगातार काम तो ले लेता है लेकिन इसकी एवज में उन्हें नाइट ड्यूटी भत्ता नहीं दिया जा रहा। इस मामले को अधिकारियों ने रेलवे बोर्ड का पॉलिसी मैटर बताकर टालने की कोशिश की।
सालपुरा में बोतल लेकर जाते है शोच के लिए
सेमिनार में कई ड्राइवरों ने सालपुरा में अव्यवस्थाओं का मुद्दा भी उठाया। ड्राइवरों ने कहा कि सालपुरा में रनिंग स्टाफ के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। दैनिक क्रियाओं तक के लिए रेलवे ने यहां कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवा रखी है। इसके चलते गार्ड-ड्राइवरों को शोच के लिए पानी की बोतल लेकर जाना पड़ता है। कई बार यह बड़ा शर्मनाक लगता है।
ड्राइवरों ने बताया कि इसके अलावा सालपुरा में ड्यूटी खत्म होने वाले रनिंग कर्मचारियों के लिए ट्रेनों को नहीं रुकवाया जाता। इसके चलते गार्ड-ड्राइवरों का लंबा समय खराब होता है। इसका असर अगली ड्यूटिओं पर पडता है। ड्राइवरों ने बताया कि इसके अलावा सालपुरा में पटरियों के पास बनी नालियों के चलते मालगाड़ियों की जांच में भारी परेशानी आती है। रात में यह परेशानी और बढ़ जाती है। कई बार गाड़ियों की सही तरीके से जांच नहीं हो पाती।
इस पर अधिकारियों ने मामले को दिखवाने का आश्वासन दिया।
छिंकने मे भी लगता है डर
सेमिनार में मीडिया का मुद्दा भी छाया रहा। ड्राइवर राधा मोहन शर्मा ने पत्रकारों का नाम लेते हुए कहा कि कहा कि प्रशासनिक कमजोरियों के चलते छोटी-छोटी बातें भी मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं। इसके चलते अब छिंकने में भी डर लगता है। हालांकि अधिकारियों ने इस बात का कोई जवाब नहीं दिया।
पड़ोसी बजाते हैं डीजे
सेमिनार में ड्राइवर रामअवतार ने कहा कि पड़ोसियों के घर में हमेशा डीजे बजता रहता है। इसके चलते उन्हें नींद नहीं आती। कई बार शिकायत के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। इस पर अधिकारियों ने मामले को दिखवाने को कहा।
सेमिनार में मुख्य बिजली अभियंता (ऑपरेशन) जगराम मीणा, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर (टीआरओ) एके पाठक तथा वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी विनोद मीणा आदि अधिकारी और सुपरवाइजर मौजूद थे।
नहीं जुटे पर्याप्त गार्ड-ड्राइवर
सेमिनार में पर्याप्त संख्या में गार्ड-ड्राइवर नहीं जुटे। सेमिनार में 25 चालक और सहचालक, 11 महिलाएं और मात्र एक गार्ड शामिल हुआ। इसके अलावा कोटा और गंगापुर के कई लोको निरीक्षक भी सेमिनार में मौजूद थे।