Indian Railways : रेलवे के घोषित समय से डेढ़ घंटे पहले रवाना हुई मेमू, हजारों यात्रियों की छूटी ट्रेन

Indian Railways : रेलवे के घोषित समय से डेढ़ घंटे पहले रवाना हुई मेमू, हजारों

यात्रियों की छूटी ट्रेन

Kota Rail News : कोटा-नागदा मेमू ट्रेन गुरुवार को रेलवे द्वारा घोषित समय से डेढ़ घंटे पहले रवाना हो गई। इसके चलते कोटा, डकनिया और आगे के स्टेशनों पर हजारों यात्रियों की यह ट्रेन छूट गई। अब रेलवे मामले को दिखाने और कार्रवाई की बात कर रही है।
यात्रियों ने बताया कि वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बाकायदा एक विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि गुरुवार को थुरिया और विक्रमगढ़ आलोट स्टेशनों के बीच अंडर ब्रिज निर्माण कार्य के चलते करीब 4 घंटे का ब्लॉक रहेगा। इसके चलते कोटा-नागदा मेमू ट्रेन (06616) अपने निर्धारित समय सुबह 7 बजे की जगह 10।10 बजे रवाना होगी। मालवीय द्वारा भेजी गई यह विज्ञप्ति सुबह सभी अखबारों में छप भी गई। इसके प्रशासन ने ट्वीट पर भी मेमू ट्रेन के देरी से रवाना होने की जानकारी दे दी।
डेढ़ घंटे पहले हुई रवाना
जानकारी मिलने पर यात्री रेलवे द्वारा घोषित ट्रेन की रवानगी के समय स्टेशन पर पहुंचे। यहां पहुंचने पर यात्रियों को पता चला कि ट्रेन तो घोषित समय से डेढ़ घंटा पहले सुबह 8:40 बजे ही रवाना हो चुकी है। यह सुनकर कई यात्री गुस्सा हो गए। यात्रियों ने अधिकारियों को भला-बुरा कहना शुरू कर दिया। कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें बहुत जरूरी काम से जाना था लेकिन अधिकारियों की वजह से सारे कार्यक्रम खराब हो गए। इसके बाद कई यात्री घर लौट गए और कई यात्री बसों से रवाना हुए।
ट्वीट हटाया
इस घटना के बाद प्रशासन ने ट्रेन रवानगी के समय में संशोधित करने की जगह पूरे ट्वीट को ही हटा दिया।
गुस्साए कई यात्रियों ने मामले की शिकायत प्रशासन से कर दी। इस पर प्रशासन ने हमेशा की तरह रटा रटाया जवाब देते हुए कहा कि मामला संबंधित अधिकारियों को भेजा जा रहा है जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
9 दिन में दूसरी बड़ी गलती
अधिकारियों की 9 दिन में यह दूसरी बड़ी गलती है। इससे पहले 18 मई को कुशतला और रवांजनाडूंगर स्टेशनों के बीच भी अंडरपास निर्माण कार्य के चलते 5 घंटे का मेगा ब्लॉक लिया गया था। रेलवे द्वारा इस ब्लॉक की कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस ब्लॉक के चलते करीब एक दर्जन गाड़ियां प्रभावित हुई थीं। छोटे-छोटे स्टेशनों पर ट्रेनों को घंटों खड़ा रहना पड़ा था। इसके चलते भीषण गर्मी में यात्रियों को भारी परेशानी हुई थी। यात्री पानी तक को तरस गए थे।
सूचना नहीं मिलने पर यात्री खानपान सामग्री का पर्याप्त आप इंतजार नहीं कर सके थे। यात्री ब्लॉक के लिए मानसिक रूप से भी तैयार नहीं थे।
और खाने पीने की चीजें कोई लिए भी यात्री तरस गए थे लेकिन इस ब्लॉक की सूचना या रेलवे द्वारा नहीं दी गई थी इसके चलते यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई सूचना नहीं मिलने से यात्री मानसिक रूप से पहले से तैयार 3:00 3 घंटे तक ट्रेनों को एक स्टेशन पर खड़ा रहना पड़ा था इसकी कोई सूचना अधिकारियों ने जारी नहीं की थी इसके चलते हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था
शर्म मगर इनको नहीं आती
कोटा मंडल रेल प्रशासन यात्रियों की सुविधाओं के लिए कितना गंभीर है इसे समझने के लिए यह दो उदाहरण काफी हैं। लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन लगातार यात्री सुविधाओं का ढिंढोरा पीटने में भी शर्म महसूस नहीं कर रहा।