Indian Railways : अजय पाल के खिलाफ चार्जशीट पेश

Indian Railways : दलाल की अजय पाल से एक महीने में 14 और हेमराज से 51 बार हुई बात, एसीबी की चार्जशीट में खुलासा

Indian Railways : दलाल की अजय पाल से एक महीने में 14 और हेमराज से 51 बार हुई बात, एसीबी की चार्जशीट में खुलासा

Kota Rail News :  रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल से दलाल महेश शर्मा की एक महीने में 14 बार बातचीत हुई। इसके अलावा चैट और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से भी दोनों के बीच कई बार बातचीत हुई। इसी तरह एक महीने में महेश और फरियादी खानपान निरीक्षक हेमराज मीणा के बीच भी 51 बार बात हुई। यह खुलासा हुआ है भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा पिछले दिनों कोर्ट में पेश चार्जशीट से।
215 पेज की इस चार्जशीट में एसीबी ने कॉल रिकॉर्ड के आधार पर महेश की अजय और हेमराज से मार्च में हुई बातचीत का ब्यौरा पेश किया है।
एसीबी ने अपनी चार्जशीट में स्पष्ट लिखा है कि इस बातचीत से महेश और अजय की आपसी मिलीभगत के चलते हेमराज से रिश्वत मांगने की पुष्टि होती है। चार्जशीट में लिखा है कि अजय पाल द्वारा थमाए गए आरोप-पत्र का जवाब देने के अगले ही दिन 29 मार्च को महेश ने हेमराज को फोन किया था। इसमें महेश ने हेमराज से कहा था कि खर्चा पानी के 20 हजार रुपए देने पर वह अजय पाल से उसकी चार्जशीट माफ करवा देगा। इस मामले में उसकी अजय पाल से बात हो चुकी है। इसके बाद हेमराज ने मामले की शिकायत भरतपुर एसीबी से कर दी थी।
एसीबी ने की पुष्टि
इसी दिन हिंडोन स्टेशन पर हेमराज और महेश आपस में भी मिले। तब भी महेश ने हेमराज से 20 हजार रुपए देने पर चार्जशीट माफ कराने की बात दोहराई। सत्यापन के लिए इस बातचीत को एसीबी ने रिकॉर्ड कर लिया। इसके बाद 31 मार्च को हेमराज और महेश पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जनशताब्दी एक्सप्रेस से कोटा आ गए। एसीबी वाले पहले ही निजी वाहनों और निजामुद्दीन-सोगरिया ट्रेन से कोटा पहुंच गए थे।
यहां डीआरएम ऑफिस में महेश ने हेमराज से कागज में लिपटे 20 हजार रुपए ले लिए। इसके बाद महेश ने हेमराज को अंदर चेंबर में अजय के पास भेज दिया। कुछ देर में हेमराज के बाहर निकलने के बाद महेश अजय पाल के पास चला गया। इसके बाद एसीबी ने दोनों को रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ लिया।
अजय पाल ने लिए रुपए
चार्जशीट में दर्ज अपने बयानों में महेश ने बताया कि चार्जशीट माफ करने की एवज में हेमराज से रिश्वत लेने के लिए ही अजय पाल ने दोनों को कोटा बुलाया था। अंदर चेंबर में उसने 20 हजार रुपए अजय पाल की टेबल पर रख दिए थे। अजय पाल ने यह पैसे उठाकर टेबल की दराज में रखे थे।
नहीं ली रिश्वत
चार्जशीट में अजय पाल के बयान भी दर्ज हैं। इसमें अजय पाल ने बताया कि उसने कोई रिश्वत नहीं ली। उसमें हेमराज को कोटा भी नहीं बुलवाया, जबकि हेमराज बार-बार कोटा आने की बात कह रहा था।
अजय ने बताया कि चेंबर में महेश ने उसे तीन कागज दिए थे और कुछ मुड़े हुए कागज टेबल से उसकी दराज में जबरन सरका दिए थे।
हालांकि एक मामूली वेंडर से इतनी घनिष्ठता के बारे में अजय पाल ने कुछ नहीं कहा। उल्लेखनीय है कि महेश हिंडोन स्टेशन पर खानपान वेंडर का काम करता है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि ऐसीबी ने 31 मार्च को 20 हजार की रिश्वत लेते अजय पाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अजय ने यह रिश्वत हेमराज की चार्जशीट माफ करने की एवज में ली थी। मामले को लेकर अजय पाल और महेश करीब 2 महीने कोटा सेंट्रल जेल में बंद रहे थे। अजय पाल फिलहाल एक महीने से जमानत पर बाहर हैं। घर बैठे अजय अपनी नई पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं।
अजय को मुख्यालय में कहीं लगाए जाने की उम्मीद है। कोटा में नियुक्ति के लिए एसीबी ने साफ मना कर दिया है।