Indian Railways : कोटा मंडल ने सीबीआई को भेजा मालगाड़ियों का रिकॉर्ड, फिटकरी परिवहन घोटाला मामला

Indian Railways : कोटा मंडल ने सीबीआई को भेजा मालगाड़ियों का रिकॉर्ड,

फिटकरी परिवहन घोटाला मामला

Kota Rail News : एलम (फिटकरी) परिवहन घोटाले मामले में कोटा रेल मंडल कार्यालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जयपुर को मालगाड़ियों का रिकॉर्ड भेजा है। कोरियर रेलवे कर्मचारी के जरिए भेजे गए इस रिकॉर्ड में एलम पाउडर के नाम पर असम गुवाहाटी भेजी गई मार्बल पाउडर की माल गाड़ियों की जानकारी है।
सीबीआई अब इस रिकॉर्ड की जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई इससे पहले भरतपुर और मांडलगढ़ आदि स्टेशनों से भी रिकॉर्ड जप्त कर चुकी है। इसके अलावा भरतपुर के माल गोदाम कर्मचारियों ने जयपुर जाकर सीबीआई को सैकड़ों पेजों का माल गाड़ियों का रिकॉर्ड भी सौंपा है।
अधिकारियों से होगी पूछताछ सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि जांच कर इस पूरे रिकॉर्ड को दिल्ली भेजा जाएगा। इसके बाद दिल्ली से स्वीकृति मिलने के बाद अधिकारियों और कर्मचारियों से मामले में पूछताछ शुरू की जाएगी। मामले को लेकर सीबीआई 100 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर सकती है। उल्लेखनीय है कि मामले में सीबीआई कब तक 50 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला पकड़ चुकी है। साथ ही एलम के नाम पर भेजी गई मार्बल पाउडर की 100 से अधिक माल गाड़ियों का भी सीबीआई पता लगा चुकी है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि एक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा कोटा, मांडलगढ़, भरतपुर, शंभूपुरा, रांवठारोड तथा उदयपुर के पास आदि स्टेशनों से एलम के नाम पर मार्बल पाउडर की सैकड़ों माल गाड़ियां रवाना कर दीं। मार्बल के मुकाबले एलम पाउडर का किराया कम होने के कारण रेलवे को इससे करोड़ों रुपए का चूना लग गया।
‘कोटा रेल न्यूज़’ द्वारा लगातार इस मामले को प्रकाशित किया जाता रहा। इसके बाद हरकत में आई सीबीआई ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की है।
नप सकते हैं कई बड़े अधिकारी मामले में कोटा मंडल और जबलपुर मुख्यालय तट के कई बड़े अधिकारी भी नप सकते हैं। मामले में मुख्य जिम्मेदार वाणिज्य विभाग है। घोटाले के समय अजय पाल वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक पद पर कार्यरत थे।
गौरतलब है कि अजय पाल को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर चुकी है। एसीबी के अनुसार अजय पाल ने यह रिश्वत अपने अधीनस्थ कर्मचारी खानपान निरीक्षक हेमराज मीणा से चार्ज शीट माफ करने की एवज में दलाल के जरिए अपने चेंबर में ली थी।
करीब 2 महीने जेल में रहने के बाद अजय पाल फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। करीब डेढ़ महीने से अजय पाल अपनी नई नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं।