Rajasthan : चाहे कोई मुझे निकम्मा कहे, लेकिन मेरा लक्ष्य 2023 मे सरकार रिपिट कैसे हो? – सचिन पायलट

Rajasthan : चाहे कोई मुझे निकम्मा कहे, लेकिन मेरा लक्ष्य

2023 मे सरकार रिपिट कैसे हो? – सचिन पायलट

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि पिछले 25 साल में हम राजस्थान में सरकार रिपीट नहीं कर पाए हैं। पिछले 25 साल में जब भी कांग्रेस की सरकार बनाई है। हम अगली बार भाजपा से बहुत बुरी तरह हारे हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद हम प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रिपीट नहीं करवा पाए हैं, यह निश्चित रूप से चिंता का विषय है। मेरा लक्ष्य शुरू से ही वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार को रिपीट करने का रहा है।पायलट ने पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि हम प्रदेश में सरकार रिपीट नहीं कर सकें। बस सरकार रिपीट करने के लिए हमें अलग तरीके से काम करना होगा। मैंने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपना फीडबैक और सुझाव दिया है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगर हम सब मिलकर और एक टीम के रूप में काम करेंगे, तो हम अगले साल के चुनाव में मतदाताओं का विश्वास बनाए रखने में सक्षम होंगे। पायलट ने कहा कि मुझे कब तक सब्र रखना होगा? पार्टी नेतृत्व जहां भी और जब भी काम करने के निर्देश देता है, मैं तो गर्दन नीची करके पार्टी के लिए काम कर रहा हूं। जहां तक नाम देने का सवाल है, मैं पहले ही कई बार इसका उत्तर दे चुका हूं। मुझे ऐसे संस्कार मिले हैं, जिसमें हर हालत में हमेशा गरिमापूर्ण और सम्मानजनक बर्ताव सिखाया है, चाहे सामने से कोई कितने ही आक्रोश में बोले।आखिरकार जनता और वोटर्स ही हमारे जज और ज्यूरी हैं, वे देख रहे हैं और सुन रहे हैं कि हम क्या कहते और करते हैं?पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि मैं उस सवाल का जवाब देने की स्थिति में नहीं हूं। जैसा कि मैंने पहले कहा, हम सभी का सामूहिक लक्ष्य और उद्देश्य अगले साल का विधानसभा चुनाव जीतना है। वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि उसके छह महीने बाद ही 2024 का लोकसभा चुनाव है। पायलट ने कहा कि हमारी पार्टी ने उदयपुर डिक्लेरेशन को अपनाया है और इसे संगठन के सभी स्तरों पर लागू करने के लिए काम शुरू हो चुका है। पायलट ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा- आज सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कांग्रेस और विपक्षी नेताओं को पकड़ने के लिए किया जा रहा है। संस्थानों का खुले तौर पर राजनीतिकरण किया जा रहा है। हमारी प्रतिबद्धता इस देश के मेहनतकश किसानों, युवाओं, गरीबों और वंचितों के लिए आवाज उठाने और उनके लिए खड़े होने की है।