सरकार द्वारा अवैध खनन पर नियंत्रण एवं रोकथाम  के लिए किये गये हैं प्रभावी प्रयास – खान मंत्री

सरकार द्वारा अवैध खनन पर नियंत्रण एवं रोकथाम  के लिए किये गये हैं प्रभावी प्रयास – खान मंत्री
राजस्थान
खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन पर नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रभावी प्रयास किए गए हैं। उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2020 से 31 जनवरी 2021 तक खनिज निर्गमन के  विरूद्ध 843 एफआईआर दर्ज करवाई गई है, जिनमें से 696 बजरी निर्गमन की हैं।  इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा अवैध खनन के 639 प्रकरणों में कार्यवाही कर पंचनामें बनाये गये हैं।
श्री भाया प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि गत एक वर्ष की अवधि में विभाग द्वारा कुल 639 अवैध खनन के प्रकरणों पर कार्यवाही की गई। इनमें से 47 लीज धारकों तथा 592 अन्य व्यक्तियों के मामले हैं। इन प्रकरणों में बजरी के 205 तथा अन्य खनिजों के 434 मामले हैं। इनमें से 134 प्रकरणों में विभाग द्वारा एफआईआर भी दर्ज करवाई गई हैं।
इससे पहले विधायक श्री सतीश पूनियां के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री भाया ने बताया कि खनिज रियायतों के आवंटन/नियमन के सम्बन्ध में वैधानिक प्रावधानों के तहत नदियाें से बजरी खनन पर सर्वोच्च न्यायालय की रोक से राजकीय निर्माण कार्य भी प्रभावित हुये। इस हेतु राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना 28 दिसम्बर .2017 से राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 में संशोधन करते हुए राजकीय निर्माण कायोर्ं हेतु खातेदारी भूमि में बजरी की एसटीपी जारी करने का प्रावधान किया गया।
श्री भाया ने बताया कि अप्रधान खनिजों की उपलब्धता बढाने एवं खातेदार को खनन पट्टा आवंटन में प्राथमिकता देने हेतु राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना 25 जून 2018 से राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 में संशोधन कर खातेदारी भूमि में एक से चार हैक्टैयर क्षेत्रफल के खनन पट्टें सम्बन्धित खातेदार को स्वीकृत किये जाने का प्रावधान किया गया। खातेदारी भूमि में बजरी के सम्बन्ध में उच्च न्यायालय के आदेश 27 नवम्बर 2018 से रोक हटने के पश्चात उक्त अधिसूचना 25 जून 2018 के तहत बजरी के खनन पट्टे आवंटित करने की आगामी कार्यवाही हेतु राज्य सरकार द्वारा दिनांक 08 जनवरी 2019 से निर्देश जारी किए गए।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में बजरी के दीर्घकालीन विकल्प के रूप में मैन्यूफेक्चर्ड सेण्ड (एम-सेण्ड) को बढावा देने हेतु राज्य सरकार द्वारा 25 जनवरी 2021 से राजस्थान एम-सेण्ड नीति, 2020 जारी की गई तथा इस सम्बन्ध में राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 में आवश्यक संशोधन किये गए। दिनांक 10 अक्टूबर 2017 से खनन पट्टों से खनिज का निर्गमन ऑनलाईन ई-रवन्ना के माध्यम से होने के कारण अवैध खनन/निर्गमन पर अंकुश लगा है। श्री भाया ने बताया कि अधिक से अधिक खनिज रियायतों का आवंटन के तहत बाजार में खनिजों की आपूर्ति बढाने एवं खनिज उपलब्धता वाले क्षेत्रों में अवैध खनन पर अंकुश लगाने हेतु अधिक से अधिक खनिज रियायतों के आवंटन हेतु राजकीय निर्माण कायोर्ं के लिए खनिज बजरी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आर.एम.एम.सी.आर., 2017 के नियम 51 के तहत  खातेदारी भूमि में एस.टी.पी. जारी की जा रही है।
खान मंत्री ने बताया कि शासन की अधिसूचना 25 जून 2018 के तहत 22 फरवरी 2021 तक  खातेदारी भूमि में अप्रधान खनिजों की कुल 2041 एल.ओ.आई. जारी की गई जिनमें से 687 खनन पट्टे प्रभाव में आ चुके है। प्रदेश की राजकीय भूमि में अप्रधान खनिज के 1315 प्लॉट  की ई-नीलामी की गई, जिनमें 935 प्लॉट पर बोली प्राप्त हुई। अब तक 169 खनन पट्टे प्रभाव में आ चुके है तथा शेष 766 प्लॉट आवंटन की प्रक्रिया में है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में स्थापित एम-सेण्ड ईकाइयों द्वारा एम-सेण्ड का उत्पादन किया जा रहा है। राजस्थान एम-सेण्ड नीति के तहत प्रदेश में ओर भी नई एम-सेण्ड ईकाइयां स्थापित होगी एवं इन ईकाईयों में खानों के ओवरबर्डन का उपयोग होकर एम-सेण्ड बनेगी। खान मंत्री ने बताया कि अवैध खनन की रोकथाम हेतु संबंधित विभागों को समय-समय पर निर्देश देना एवं उनकी नियमित मॉनिटरिंग के तहत प्रदेश में अवैध खनन ना होना सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव एवं प्रमुख शासन सचिव, खान एवं पेट्रोलियम विभाग द्वारा राजस्व, वन, पुलिस, परिवहन एवं खान विभाग के अधिकारियों को समय-समय पर निर्देश जारी किये गये है।
श्री भाया ने बताया कि खनिजों के अवैध खनन/निर्गमन/भण्डारण की रोकथाम हेतु कार्यवाही के रूप में  विभिन्न खनिजों के अवैध खनन/निर्गमन/भण्डारण के विरूद्ध विभागीय अधिकारियों/तकनीकी कर्मचारियों द्वारा नियमित/औचक चौकिंग की जाती है। अवैध खनन पाये जाने पर एम.एम.डी.आर. एक्ट, 1957 की धारा 4 व 21 तथा राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 के नियम 54 व 60 के अन्तर्गत कार्यवाही की जाती है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में जिला कलक्टर द्वारा राजस्व, वन, पुलिस, परिवहन एवं खान विभागों के अधिकारियों/कर्मचारियों को सम्मिलित करते हुए मई/जून, 2018 में विशेष जांच दलों (एस.आई.टी.) का गठन किया गया। उक्त जांच दलों द्वारा खनिज बजरी के अवैध खनन
/निर्गमन/भण्डारण की औचक जांच की जाती है।
खान मंत्री ने बताया कि गत 2 वित्तीय वषोर्ं (2018-19 व 2019-20) एवं चालू वित्तीय वर्ष (दिनांक 31 जनवरी 2021 तक) में खान विभाग, एस.आई.टी. एवं अन्य विभागों के साथ नियमित आकस्मिक चौकिंग की जाकर अवैध खनन/ निर्गमन/ भंण्डारण के कुल 38335 प्रकरण दर्ज कर राशि रुपये 252.85 करोड बतौर शास्ति वसूल की गई एवं 3375 प्रकरणों में संबंधित पुलिस थानों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गयी।
उन्होंने बताया कि खनिज बजरी के अवैध खनन/निर्गमन/भण्डारण के विरूद्ध राज्यव्यापी अभियान 7 जुलाई 2019 से 06 अगस्त 2019 के दौरान 1718 प्रकरण बनाये जाकर राशि रुपये 7.47 करोड की शास्ती वसूल की गई, 81 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई एवं 84277.93 टन अवैध बजरी के स्टॉक को जब्त किया गया।
उन्होंने बताया कि 15 अक्टूबर 2020 से 31 अक्टूबर 2020 के दौरान प्रदेश के 12 जिलों में बजरी के अवैध खनन/निर्गमन की रोकथाम हेतु विशेष अभियान जिला कलक्टर्स की अध्यक्षता में चलाया गया, जिसमें कुल 375 प्रकरण बनाये गये, 76.88 लाख रुपये की शास्ती वसूल की गई, 142 प्रकरणों में संबंधित पुलिस थानों में एफ.आई.आर. दर्ज कराई गई एवं 52449 टन अवैध बजरी के स्टॉक को जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि अवैध खनन/निर्गमन/भण्डारण पर प्रभावी कार्यवाही एवं नियंत्रण हेतु माह दिसम्बर, 2019 से 333 बॉर्डर होमगार्ड नियोजित किये गए हैं। इसके अतिरिक्त संबंधित कार्यालयों द्वारा 14वीं बटालियन आर.ए.सी. का भी आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा रहा हैं।