नगरीय निकायों द्वारा एमआरएफ के 50 कि.मी. की परिधि में कार्यरत सीमेन्ट प्लान्टों की मैपिंग करायी जायेगी – अध्यक्ष, प्रदूषण मण्डल

नगरीय निकायों द्वारा एमआरएफ के 50 कि.मी. की परिधि में कार्यरत सीमेन्ट प्लान्टों की मैपिंग करायी जायेगी
– अध्यक्ष, प्रदूषण मण्डल
जयपुर, 18 मार्च। राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल की अध्यक्ष श्रीमती वीनू गुप्ता ने नगरीय निकायों द्वारा संचालित/प्रस्तावित एमआरएफ के 50 किमी. की परिधि में कार्यरत सीमेन्ट प्लांटों की मैपिंग कराने के निर्देश दिये ताकि आरडीएफ/सेग्रीगेटेड वेस्ट सीमेन्ट प्लान्टों को आसानी से उपलब्ध हो सके।
श्रीमती गुप्ता राज्य के सीमेन्ट उद्योगों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता कर रही थी।
बैठक में राज्य मण्डल के सदस्य सचिव डॉ. गोविन्द सागर भारद्वाज ने कहा कि सीमेन्ट उद्योगों द्वारा वर्तमान में को-प्रोसेसिंग में प्रयुक्त किये जा रहे वेस्ट की मात्रा में और अधिक वृद्धि किये जाने की गुन्जाइश है। जिससे राज्य में जनित वेस्ट का राज्य में ही निस्तारण किया जा सके और लैण्डफिल में भेजे जा रहे वेस्ट की मात्रा को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके।
स्वायत्त शासन विभाग के मुख्य अभियन्ता श्री भूपेंद्र माथुर ने बताया कि जिन स्थानों पर लीगेसी वेस्ट के ट्रीटमेंट हेतु नगरीय निकायों द्वारा कॉन्ट्रेक्ट नही दिया गया है, उन स्थानों पर लीगेसी वेस्ट के बायोरेमेडियेशन की कार्य योजना सीमेंट प्लाटों द्वारा प्रस्तुत की जा सकती है। जिसमें बायोरेमेडियेशन में उत्पन्न होने वाले आरडीएफ को को-प्रोसेसिंग प्रयुक्त किया जा सके।
बैठक में सीमेंट उद्योगों के प्रतिनिधियों को म्यूनिस्पिल कचरे को सीमेंट किल्न में प्रयुक्त करने योग्य बनाने हेतु आवश्यक प्रोसेसिंग सुविधाओं के विकास में नगरीय निकायों को समुचित सहयोग/सलाह दे एवं यथा समय ऎसी सुविधाएँ स्वयं के स्तर पर स्थापित करने के संबंध में भी विचार करने की सलाह दी गयी।
सभी सीमेन्ट प्लांटों में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के निर्देशानुसार एमिशन की सतत् ऑनलाईन मॉनिटरिंग हेतु ओसीईएमएस लगाये गये है, जिन्हे नियमानुसार सही प्रकार से संचालित रखना सीमेन्ट प्लांटों की जिम्मेदारी है। इनसे प्राप्त डेटा की मोनिटरिंग राज्य मण्डल द्वारा निरंतर की जा रही है।