Rajasthan: शख्सियत: फिर चर्चा में ओम बिरला
Rajasthan: शख्सियत: फिर चर्चा में ओम बिरला

Rajasthan: शख्सियत: फिर चर्चा में ओम बिरला

Rajasthan: शख्सियत: फिर चर्चा में ओम बिरला

लोक सभा चुनावों का टिकट मिलने से लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला एक बार फिर से चर्चा में हैं। पहली ही सूची में नाम आने से बिरला के कद को और ऊंचा माना जा रहा है।
23 नवंबर 1962 को मारवाड़ी परिवार में जन्मे बिरला राजनीतिज्ञ के साथ कृषक और सामाजिक कार्यकर्ता भी रहे हैं। वाणिज्य विषय में मास्टर डिग्री धारी बिरला ने 1991 में डॉक्टर अमिता बिरला से विवाह किया। दो पुत्रियों के पिता बिरला वर्तमान में 2019 से लोकसभा के 17वें अध्यक्ष पद पर विराजमान हैं। सांसद चुने जाने से पहले बिरला भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2003 से 2014 तक कोटा दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे हैं।
2003 में जीता पहला चुनाव
बिड़ला ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2003 में कोटा दक्षिण से जीता। बिरला ने कांग्रेस के शांति धारीवाल को 10 हजार 101 मतों से हराया था। इसके बाद 2008 में अगले विधानसभा चुनाव में बिरला ने कांग्रेस के ही राम किशन वर्मा को 24 हजार 300 वोटों से मात दी। इसके बाद तीसरा विधानसभा चुनाव बिरला ने कांग्रेस उम्मीद्वार पंकज मेहता के खिलाफ लड़ा। मेहता को बिरला ने करीब 50 हजार वोंटों से हराया। अपने कार्यकाल में बिरला राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव भी रहे।
लोक सभा अध्यक्ष बन कर चौकाया
इसके बाद 2014 में बिरला को पहली बार लोक सभा का चुनाव जीते। इस दौरान बिरला ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे।
इसके बाद बिरला ने 2019 का लोक सभा चुनाव भी जीतने में कामयाब रहे। बिरला ने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को हराया। इस चुनाव में बिरला को 5 लाख 26 हजार 443 तथा मीणा को चार लाख 28 हजार 761 वोट मिले थे। इसके बाद लोक सभा अध्यक्ष चुने पर बिरला ने सबको आश्चर्य चकित कर दिया था।
इन पदों पर भी रहे
विधायक और सांसद चुने जाने से पहले बिरला 1987 से 91 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद बिरला 1991 से 1997 तक मार्चा के प्रदेश अध्यक्ष तथा 1997 से 2003 तक राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर ही रहे।
इसके अलावा बिरला राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड के उपाध्यक्ष पद भी रहे। इसके अलावा बिरला अन्य कई पदों पर भी रहे।