अस्पताल में एक सप्ताह से नहीं हो रही कोविड मरीजों की भर्ती।

अजमेर में कोविड शील्ड वैक्सीन नहीं होने से दूसरी डोज लगवाने वाले परेशान।

मित्तल अस्पताल में एक सप्ताह से नहीं हो रही कोविड मरीजों की भर्ती।

ब्यावर और किशनगढ़ उपखंडों में भी 18 वर्ष वालों के वैक्सीन लगवाई जाए-सांसद चौधरी

एक ओर सरकार कोरोना की वैक्सीन लगवाने पर जोर दे रही है तो वहीं दूसरी ओर अजमेर जिले में 45 वर्ष से ऊपर वाले लोग वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाने के लिए रोजाना स्वास्थ्य केन्द्रों के चक्कर लगा रहे हैं। 18 वर्ष वालों के लिए तो ऑनलाइन ही स्थान और समय का अलॉटमेंट हो रहा है, लेकिन 45 वर्ष वालों के लिए ऐसी सुविधा नहीं है। स्वास्थ्य केन्द्रों पर मौजूद चिकित्सा कर्मी कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं देते हैं, इसलिए बुजुर्ग लोगों को दूसरे डोज के लिए रोजाना चक्कर लगाना होता है। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने माना कि पिछले तीन दिनों से कोविड शील्ड वैक्सीन नहीं मिल रही है, इसलिए 45 वर्ष वालों को दूसरी डोज नहीं लग पा रही है। जिन लोगों को पहला डोज कोविड शील्ड का लगा है उन्हें दूसरा डोज भी कोविड शील्ड का ही लगाया जाएगा। कोविड शील्ड वैक्सीन आने पर ही संबंधित लोगों को दूसरा डोज लगाया जाएगा। डॉ. सोनी ने उम्मीद जताई कि 10 मई को कोविड शील्ड वैक्सीन आ जाएगी। जानकार सूत्रों के अनुसार इस समय राज्य सरकार का ध्यान 18 वर्ष की उम्र वाले युवाओं को वैक्सीन लगाने पर है, इसलिए 45 वर्ष वालों की अनदेखी की जा रही है, जबकि 45 वर्ष वालों में बुजुर्ग सबसे ज्यादा है।
मरीजों की भर्ती नहीं हो रही:
कोरोना काल में जब अस्पतालों का अभाव है और सामाजिक संस्थाएं युद्ध स्तर पर अस्थाई अस्पताल बनाने में जुटी हुई है, तब अजमरे के मित्तल अस्पताल में पिछले एक सप्ताह से कोविड मरीजों की भर्ती नहीं हो रही है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने से नए मरीजों की भर्ती नहीं की जा रही है। अब तक जो कंपनी ऑक्सीजन सप्लाई कर रही थी, उसने भी मांग के अनुरूप ऑक्सीजन देने से मना कर दिया है। प्रशासन ने पूर्व में जो पचास सिलेंडर उपलब्ध करवाए थे, उनका उपयोग भर्ती मरीजों के लिए किया जा चुका है। मित्तल अस्पताल में करीब 100 कोविड मरीज के इलाज की व्यवस्था है, यदि अस्पताल को मांग के अनुरूप ऑक्सीजन मिल जाए तो सरकार के जेएलएन अस्पताल पर दबाव कम हो सकता है। मौजूदा समय में कोविड मरीजों का सरा दबाव सरकारी अस्पतालों पर है। सरकारी अस्पताल को भी ऑक्सीजन की समस्या से जूझना पड़ रहा है, इसलिए मरीजों को भर्ती होने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है। यदि निजी क्षेत्र के मित्तल अस्पताल को ऑक्सीजन मिले तो कोविड मरीजों का इलाज संभव है। इस समय भी करीब 40 कोविड मरीज का इलाज हो रहा है। इन मरीजों के लिए प्रबंधन को बड़ी मुश्किल से ऑक्सीजन का इंतजाम करना पड़ रहा है। ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने से जयपुर के महात्मा गांधी सहित कई निजी अस्पतालों में भी मरीजों की भर्ती पर रोक लगा रखी है।
ब्यावर और किशनगढ़ में भी वैक्सीन लगे:
अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखकर अजमेर जिले के ब्यावर और किशनगढ़ उपखंडों में भी 18 वर्ष की उम्र वालों को वैक्सीन लगाने का आग्रह किया है। चौधरी ने पत्र में बताया कि अजमेर उन 11 जिलों में शामिल हैं, जहां 18 वर्ष की उम्र वालों को वैक्सीन लगाई जा रही है। लेकिन प्रशासन ने जिले के ब्यावर और किशनगढ़ उपखंड में वैक्सीन लगाने के लिए कोई केन्द्र निर्धारित नहीं किया है। इससे इन दोनों उपखंडों के युवाओं को भारी परेशानी हो रही है। जरूरतमंद युवाओं को वैक्सीन लगाने के लिए जिला मुख्यालय के स्वास्थ्य केन्द्रों पर जाना पड़ रहा है। चौधरी ने कहा कि जब अजमेर जिले को वैक्सीन लगाने के दायरे में शामिल किया है, तो फिर जिले के दो उपखंडों के युवाओं को वैक्सीन से वंचित नहीं किया जाना चाहिए।