तो क्या 15 दिन में ही खत्म हो गया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दो माह वाला क्वारंटीन।

तो क्या 15 दिन में ही खत्म हो गया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का दो माह वाला क्वारंटीन।
15 जून को जब सचिन पायलट दिल्ली में सक्रिय थे तब सीएम गहलोत ने जयपुर में स्वयं को दो माह के लिए क्वारंटीन करने की घोषणा की थी।
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक जुलाई को राजभवन में आयोजित राज्यपाल कलराज मिश्र के जन्मदिन समारोह में भाग लिया। इस समारोह में भाग लेने से ही सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री का दो माह का क्वारंटीन मात्र 15 दिन में खत्म हो गया है? सब जानते हैं कि कांग्रेस के असंतुष्ट नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट गत 15 जून को जब दिल्ली में राजनीतिक दृष्टि से सक्रिय थे, तब सीएम गहलोत ने जयपुर में घोषणा की थी कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए वे अगले दो माह तक किसी भी सार्वजनिक समारोह में भाग नहीं लेंगे। सीएम की ओर से कहा गया कि अशोक गहलोत अब जयपुर के सरकारी आवास में रह कर ही काम काज करेंगे। सीएम की ओर से जब यह घोषणा की गई तब भी अनेक सवाल उठे थे। क्योंकि गहलोत तो गत 16 अप्रैल को कोरोना संक्रमित हुए थे, लेकिन गहलोत ने क्वारंटीन होने की घोषणा कोई 45 दिनों बाद की। तब यही माना गया कि सचिन पायलट की दिल्ली में बढ़ती राजनीतिक सक्रियता को देखे हुए ही, गहलोत ने दो माह तक सरकारी आवास से बाहर नहीं निकलने का संकल्प लिया है। 15 जून के आसपास पायलट दिल्ली में थे, तब उनकी मुलाकात कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से होने के कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि पायलट की मुलाकात गांधी परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं हुई। सीएम गहलोत कितने दिन क्वारंटीन रहे यह उनका व्यक्तिगत निर्णय है, लेकिन मुख्यमंत्री के पद पर होने के कारण उनके हर निर्णय का असर प्रदेश की जनता पर पड़ता है। पहले जब दो माह के लिए क्वारंटीन होने की घोषणा की तो प्रदेश वासियों ने यह मान लिया कि आगामी 15 अगस्त तक मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो सकेगी। सीएम ने एक जुलाई को राजभवन में आयोजित समारोह में भाग ले लिया है, तो सवाल उठता है कि क्या अब अशोक गहलोत अन्य सार्वजनिक समारोह में भी भाग लेंगे? एक जुलाई का समारोह भले ही राजभवन में हुआ हो, लेकिन इस समारोह में अनेक लोग उपस्थित थे। समारोह के मंच पर सीएम गहलोत के साथ राज्यपाल कलराज मिश्र, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी आदि भी बैठे। दो दिन पहले ही अखबारों में विज्ञापन देकर मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में कोरोना का खतरनाक डेल्टा प्लस वेरिएंट प्रवेश कर गया है, इसलिए लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य है। राजभवन में आयोजित समारोह में प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ-साथ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।