तो क्या रविवार को लॉकडाउन लागू रखने से राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी ?

तो क्या रविवार को लॉकडाउन लागू रखने से राजस्थान में कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी।
राजस्थान के अधिकांश पड़ोसी राज्यों में अब पूरी तरह लॉकडाउन समाप्त हो गया है। रात 9 बजे तक बाजार भी खुल रहे हैं। लेकिन राजस्थान में अभी भी रविवार का लॉकडाउन लागू कर रखा है। बाजारों को भी सायं सात बजे तक ही खुलने की अनुमति है। राजस्थान में अनेक पाबंदियां इसलिए लगा रखी है ताकि कोरोना की तीसरी लहर से बचा जा सके। लेकिन सवाल उठता है कि क्या शाम सात बजे तक बाजार खोलने और रविवार को लॉकडाउन लागू रखने से तीसरी लहर से बचा जा सकेगा?
जब गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों में सातों दिन रात 9 बजे तक बाजार खुल रहे हैं और एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश में आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं है तब राजस्थान में रविवार का लॉकडाउन बेमानी नजर आ रहा है। इससे दुकानदारों को भी भारी परेशानी हो रही है। कोरोना काल में व्यापारी वर्ग को पहले ही अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में रविवार का लॉकडाउन परेशानी को और बढ़ा रहा है।
जब सप्ताह में छह दिन बाजार खोले जा रहे हैं तो फिर मात्र एक दिन का लॉकडाउन क्या मायने रखता है। यह सही है कि लोगों को तीसरी लहर से सावचेत रहना चाहिए, लेकिन छह दिन बाजार खोलने के बाद सप्ताह में एक दिन बाजार बंद रखने का कोई तुक नजर नहीं आ रहा है। इस संबंध में व्यापारिक एसोसिएशनों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी ध्यान आकर्षित किया है। व्यापारियों ने सप्ताह के सातों दिन बाजार खोलने की मांग की है।
अजमेर जैसे शहर में ख्वाजा साहब की दरगाह और पुष्कर तीर्थ में ब्रह्मा मंदिर होने की वजह से जायरीन और श्रद्धालुओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चूंकि जायरीन और श्रद्धालु बड़ी संख्या में बाहर से आ रहे हैं, इसलिए रविवार का लॉकडाउन हो जाने से इन्हें परेशानी हो रही है। लॉकडाउन में ख्वाजा साहब की दरगाह और पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर को भी बंद रखा गया है। जो लोग बाहर से आए हैं उनका प्रयास होता है कि दरगाह में जियारत ब्रह्मा मंदिर के दर्शन किए जाए। चूंकि लॉकडाउन में दरगाह और मंदिर में प्रवेश बंद है इसलिए कई अवसर पर पुलिस और बाहर से आने वाले लोगों में खींचतान भी हो रही है। रविवार के लॉकडाउन से पुलिस को व्यवस्था कायम रखने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। अजमेर में जो जायरीन शनिवार को आते हैं वे रविवार को दरगाह में जियारत करने की रुचि रखते हैं। हालांकि पुलिस अपने स्तर पर इंतजाम करती है, लेकिन जायरीन को रोकना मुश्किल होता है। यही स्थिति पुष्कर में भी होती है। जायरीन और श्रद्धालु जियारत और दर्शन के लिए पुलिस के समक्ष निवेदन करते देखे गए हैं। अब जब कोरोना का संक्रमण समाप्ति की ओर है, तब राजस्थान में रविवार का लॉकडाउन आम लोगों के समझ में भी नहीं आ रहा है।