सांख्यिकी कार्मिक सरकार के लिए ‘‘थिंक टैक’’ के रूप में कार्य करें -शासन सचिव, आयोजना एवं सांख्यिकी विभाग

सांख्यिकी कार्मिक सरकार के लिए ‘‘थिंक टैक’’ के रूप में कार्य करें
-शासन सचिव, आयोजना एवं सांख्यिकी विभाग
जयपुर, 27 जुलाई। आयोजना एवं सांख्यिकी विभाग के सचिव श्री नवीन जैन ने सांख्यिकी अधिकारियों एवं कर्मचारियों से सरकार के हित में ‘‘थिंक टैक’’ के रूप में कार्य करने का आह्वान किया है। उन्हाेंने कहा कि बदलते समय की आवश्यकतानुसार कार्मिकाें को अपनी कार्य शैली में नवीन परिवर्तन करते हुए स्वयं को सक्रिय बनाना होगा। श्री जैन ने यह बात सांख्यिकी के सृजन की कार्य विधि पर आयोजित समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए कही।
आयोजना एवं सांख्यिकी सचिव ने कहा कि जिस प्रकार ‘‘वित्तीय सलाहकार’’ अपनी भूमिका निभाते हैं उसी प्रकार सांख्यिकी कार्मिकों को भी अन्य विभागों में कार्य करते हुए अपने मूल विभाग के कार्यों एवं नवाचारों से निरंतर अवगत रहते हुए ‘‘सांख्यिकी सलाहकार’’ की भूमिका निभानी चाहिए।
बैठक में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के उप महानिदेशक श्री पंकज के. पी. श्रेयस्कर ने अपने प्रस्तुतीकरण में  भारत सरकार के इस भावी एजेन्डे को देश भर में लागू करने के साथ राज्यों से इस संबंध में अपेक्षाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने राज्य में विभिन्न विभागों द्वारा सृजित सांख्यिकी के देश में एक समान मानक निर्धारित करने व विश्वसनियता के लिए मेटाडेटा के रजिस्टर के संधारण, प्रकाशन में इसके उल्लेख, डेटा संकलन की क्रियाविधि, प्रश्नावली तथा सांख्यिकीय विश्लेषण तकनीक का उपयोग, समयबद्धता को आमजन को संसुचित किये जाने के बारे में भी अवगत करवाया।
उप महानिदेशक ने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं पर आधारित एडमिनिस्टे्रटिव डाटा जो केवल आंकड़ों के रूप में प्रदर्शित होता है, इसके विश्लेषण द्वारा ही इसे नीति निर्धारण के लिए सशक्त टूल के रूप में उपयोग में लिया जा सकता है। डेटा को विश्वसनीय बनाने के लिए क्रेडिबिलिटी के साथ-साथ विभिन्न स्तरों पर वेलिडेशन  एवं डाटा ट्रेंगुलेट किये जाने की आवश्यकता है।
आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव डॉ. ओम प्रकाश बैरवा ने राज्य में सांख्यिकी गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
बैठक में सांख्यिकी विभाग में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कृषि, पशुपालन, सहकारिता, सार्वजनिक निर्माण, शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, पंचायतीराज, स्थानीय निकाय विभाग सहित अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।
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