पीके गोयल हो सकते है राजस्थान के अगले मुख्य सचिव

पीके गोयल हो सकते है राजस्थान के अगले मुख्य सचिव। इसलिए अपने से जूनियर मुख्य सचिव के अधीन सचिवालय मे कार्य करने पर सहमति जताई है।
मुख्य सचिव निरंजन आर्य 6 माह बाद सेवा निवृत होंगे, जबकि पीके गोयल का रिटायरमेंट फरवरी 2023 मे है यानी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नवम्बर 2023 तक कई मुख्य सचिवों का चयन करेगें।
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30 जुलाई को रात को राज्य सरकार ने जिस पांच आईएएस के तबादला सूची जारी की है, उसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव(एसिएस) पीके गोयल का नाम भी है। गोयल को स्कूली शिक्षा और पंचायती राज प्रारंभिक शिक्षा का प्रभार दिया गया है। यानी अब पीके गोयल सचिवालय में बैठेगे तथा आईएएस सेवा में अपने से जूनियर मुख्य सचिव निरंजन आर्य के अधीन काम करेगें। मालूम को कि गत वर्ष पांच छः आईएएस की वरिष्ठता लांग कर निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया गया था। जब कभी किसी जूनियर को मुख्य सचिव बनाया जाता है, तब सीनियर आईएएस सचिवालय बिल्डिंग को छोड कर अन्यत्र विभागों में नियुक्त हो जाते है। राजस्व मंडल रोडवेज आदि विभागों के अध्यक्ष के पद मुख्य सचिव के बराबर होते है और उनका कार्य भी स्वतंत्र होता है। आर्य को जब मुख्य सचिव बनाया गया, जब पीके गोयल भी सचिवालय बिल्डिंग से बाहर हो गये, लेकिन अब आर्य के मुख्य सचिव रहते हुऐ ही गोयल वापस सचिवालय में आ गये। इसमें कोई दो राय नही है की अब गोयल को आर्य के अधीन काम करना होगा। सब जानते है कि मुख्य सचिव के चयन में मुख्यमंत्री की ही राय सर्वोपरी होती है। राजस्थान में अशोक गहलोत ऐसे मुख्यमंत्री है जो कुछ भी कर सकते है। जानकार सुत्रो के अनुसार मुख्यमंत्री के भरोसे के बाद ही पीके गोयल ने निरंजन आर्य के अधीन काम करना स्वीकार किया है। आर्य छः माह बाद जनवरी 2022 में सेवानिवृत हो जायेगें। तब पीके गोयल को ही मुख्य सचिव बनाया जा सकता हैं। प्रदेश के सभी आईएएस और आईपीस जानते है की सीएम गहलोत जो वायदा करते है उसे निभाते है। पिछले ढाई वर्षो में जिन आईएएस और आईपीएस ने गहलोत के इशारे पर डांस किया, वो सेवा निवृति के बाद भी महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर बैठे है। हालांकि निरंजन आर्य से सीनियर आईएएस सुबोध अग्रवाल खाद विभाग के प्रमुख संभाग सचिव के तौर पर काम कर रहे है, लेकिन सीएम गहलोत अग्रवाल को मुख्य सचिव नहीं बनायेगे, क्योकि अग्रवाल की सेवा निवृति दिसम्बर 2025 मे है। अशोक गहलोत अभी नवम्बर 2023 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहेगे। ऐसे में अगले ढाई वर्षो में गहलोत कई मुख्य सचिव का चयन करेगें। गहलोत का प्रयास होगा कि ज्यादा से ज्यादा आईएएस को मुख्य सचिव बनाकर आब्लाईट किया जाये। वैसे गहलोत ने अपने कार्यकाल में पीएमआर को इतना शक्तिशाली कर रखा है की मुख्य सचिव का पद नाम मात्र का है। निरंजन आर्य तो मुख्य सचिव बनने से ही खुश है। भले ही मुख्य सचिव का काम सीएमआर मे हो। सीएम गहलोत ने तो आर्य की पत्नि श्रीमति संगीता को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य भी बना दिया है। आर्य के लिए इससे ज्यादा अनुकूल परिस्थितियां और क्या हो सकती है। आर्य जिस तरह अभी कार्य कर रहे है उसे देखते हुए लगता है कि सेवा निवृति के बाद लाभ का कोई अन्य पद मिल जाये।