तीन चरणों मे होंगे पंचायत चुनाव, 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को होगा मतदान

पंचायत चुनाव-2021

प्रदेश के 6 जिलों में जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव की घोषणा

तीन चरणों मे होंगे चुनाव, 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को होगा मतदान

जयपुर, 5 अगस्त।

राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 6 जिलों (भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर एवं सिरोही) के जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव की घोषणा कर दी है। 3 चरणों में होने वाने चुनाव के लिए 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 4 सितंबर को संबंधित जिला मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन सभी 6 जिलों के जिला परिषद एवं पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता के प्रावधान तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं, जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेंगे।
चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया में सम्मिलित 6 जिलों में कुल 77 लाख 94 हजार 3 सौ मतदाता पंजीकृत हैं, जिनमें से 41 लाख 23 हजार 30 पुरुष, 36 लाख 71 हजार 246 महिलाएं व 24 अन्य मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 6 जिलों के 200 जिला परिषद सदस्य, 1564 पंचायत समिति सदस्य, 6 जिला प्रमुख, उप जिला प्रमुख एवं 78 प्रधान, उप प्रधानों के लिए चुनाव होना है।

चुनावी रैली और सभाओं पर प्रतिबंध, घर-घर जाकर हो सकेगा प्रचार

मेहरा ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए सब प्रकार की चुनावी रैली, आम सभाओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उम्मीदवार केवल 5 समर्थकों के साथ घर-घर जाकर जनसंपर्क कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए मतदान के समय में बढ़ोतरी करते हुए मतदान का समय प्रातः 7.30 बजे से सायं 5.30 बजे तय किया गया ह। इसके साथ ही नाम निर्देशन पत्रों को प्रस्तुत करने के लिए भी उम्मीदवार को 1 दिन अतिरिक्त दिया गया है, ताकि भीड़ से बचते हुए आवेदन किया जा सके।

11 अगस्त से नामांकन प्रांरभ, 18 तक नाम वापसी

चुनाव आयुक्त ने बताया कि तीनो चरणों के चुनाव के लिए 11 अगस्त को अधिसूचना जारी होगी। नाम निर्देशन पत्र 16 अगस्त 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे। 15 अगस्त को (रविवार) को नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुुत नहीं किए जाएंगे। नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 17 अगस्त को की जाएगी, जबकि 18 अगस्त अपरान्ह 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के तुरंत बाद चुनाव प्रतीकों का आवंटन एवं चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के लिए 26 अगस्त (गुरूवार), द्वितीय चरण के लिए 29 अगस्त (रविवार) और तृतीय चरण के लिए 1 सितंबर (बुधवार) को प्रातः 7.30 बजे से सायं 5.30 बजे तक मतदान करवाया जाएगा। 4 सितंबर को जिला मुख्यालयों पर प्र्रातः 9 बजे से मतगणना प्रारंभ हो जाएगी। प्रमुख, प्रधान का चुनाव 6 सितंबर (सोमवार) को जबकि उप प्रमुख, उप प्रधान का चुनाव 7 सितंबर (मंगलवार) को होगा। उन्होंने बताया कि मतदान, मतगणना एवं अन्य कार्य के लिए समस्त चरणों के लिए लगभग 65 हजार कार्मिकों का नियोजन किया जाएगा।

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कोविड दिशा-निर्देशों की होगी कड़ाई से पालना

आयुक्त ने बताया कि चुनाव के दौरान केंद्र, राज्य सरकार और अयोग द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन की पूर्ण पालना की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि इन आम चुनाव में चुनाव कार्य, मतदान दलों में नियुक्त किए जाने वाले कार्मिकों को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज लग चुकी हो। इसके लिए नियोजित किए जाने वाले कार्मिकों आवश्यकतानुसार प्राथमिकता के आधार पर शिविर का आयोजन कर उनका टीकाकरण किया जाए। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा चुनाव के दौरान विभिन्न गतिविधियों यथा ईवीएम की एफएलसी, मतदान दलों के प्रशिक्षण, नाम निर्देशन पत्रों का प्रस्तुतिकरण, संवीक्षा एवं नाम वापसी, चुनाव प्रचार, मतदान तथा मतगणना संबंधी चुनाव कार्य में सम्मिलित होने वाले कार्मिकों, चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों, राजनैतिक दलों एवं मतदाताओं को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।

अभ्यर्थियों के लिए चुनाव खर्च सीमा

मेहरा ने बताया कि चुनाव लडने वाले अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव के दौरान वाहनों एवं लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए युक्तियुक्त प्रतिबंध लगाए गए हैं एवं कट आउटों, होर्डिग्स, पोस्टर एवं बैनरों के प्रदर्शन व इनसे संबंधित अन्य गतिविधियों को नियन्त्रण करने के लिए जिला परिषद सदस्य के चुनाव लड रहे अभ्यर्थियों के लिए 1,50,000 रुपए एवं पंचायत समिति सदस्य के लिए 75,000 रुपए की खर्च सीमा निर्धारित की हुई है।

प्रत्येक बूथ पर कर 1 हजार मतदाता कर सकेंगे मतदान

चुनाव आयुक्त ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए आयोग द्वारा अब प्रत्येक मतदान बूथ पर मतदाताओं की संख्या 1000 की गई है। पूर्व में एक मतदान बूथ पर सामान्यतः 1100 मतदाताओं की सीमा निर्धारित थी। प्रत्येक बूथ पर 1000 मतदाताओं की संख्या के अनुसार 6 जिलों में 10604 मतदान बूथ स्थापित किए जाएंगे।

6 जिलों के कार्मिकों का नहीं हो सकेगा स्थानांतरण

मेहरा ने बताया कि चुनाव के लिए बडी मात्रा में कार्मिकों या अधिकारियों की आवश्यकता होगी, अतः इन जिलों में समस्त विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानान्तरण एवं पदस्थापन पर पूर्ण प्रतिबंध होगा। चुनाव की घोषणा से पूर्व जारी स्थानान्तरण आदेशों की अनुपालना में इन 6 जिलों में स्थानान्तरणाधीन कार्मिकों को रिक्त पद पर कार्यग्रहण करने की अनुमति होगी, किन्तु चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के पश्चात् इन जिलों से किसी कार्मिक को अपने पद से कार्यमुक्त होने की अनुमति नहीं होगी, भले ही उसका स्थानान्तरण चुनाव कार्यक्रम से पूर्व का ही क्यों न हो।

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अनुमति से ही हो सकेगा प्रचार

उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी की लिखित अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक होगा। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थियों के द्वारा निर्वाचन में प्रचार के लिए वाहनों की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। इस हेतु संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी से वाहन के सम्पूर्ण विवरण के साथ लिखित अनुमति प्राप्त करनी आवश्यक होगी। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थियों/राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए किए जाने वाले खर्च की निगरानी हेतु संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा रिटर्निंग अधिकारी के स्तर पर एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा, जो अभ्यर्थियों/राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव प्रचार के लिए किए जाने वाले खर्च की सतत् निगरानी रखेगा।

पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति

मेहरा ने बताया कि जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के निर्वाचन के लिए मतदान, मतगणना अन्य चुनाव संबंधी कार्याे के पर्यवेक्षण हेतु प्रत्येक जिले के लिए आवश्यकतानुसार एक या अधिक पर्यवेक्षकों को नियोजित किया जाएगा। ये पर्यवेक्षक भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ एवं चयनित तथा राजस्थान प्रशासनिक सेवा के सुपर टाइम स्केल या इससे उच्चतर वेतन श्रृंखला के अधिकारी होंगे।

12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों से हो सकेगा मतदान

चुनाव आयुक्त ने बताया कि राजस्थान राज्य के लगभग सभी मतदाताओं को मतदाता फोटो पहचान पत्र जारी हो चुके हैं। मतदान के दौरान मतदाताओं को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी उक्त फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। फिर भी यदि कोई मतदाता किसी भी कारण से फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है तो मतदान के लिए उसे राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमोदित किए गए 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। उन्होंने बताया कि इन 12 वैकल्पिक फोटो दस्तावेज में से केवल वे ही दस्तावेज मान्य होंगे जो इन निर्वाचन की घोषणा से पूर्व के हैं। उन्होंने मतदाताओं से अपील है कि मतदान के समय उक्त दस्तावेजों में से किसी एक दस्तावेज को साथ लाएं, जिससे मतदान कार्य सुगमता से शान्तिपूर्ण एवं निष्पक्षरूप से सम्पन्न हो सके।