अन्य प्रदेशों की खनिज खोज, खनन, ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया का होगा तुलनात्मक अध्ययन, प्रदेश की व्यवस्था को बनाया जाएगा सरल और पारदर्शी-एसीएस माइंस

अन्य प्रदेशों की खनिज खोज, खनन, ब्लॉक नीलामी प्रक्रिया का होगा तुलनात्मक अध्ययन,
प्रदेश की व्यवस्था को बनाया जाएगा सरल और पारदर्शी-एसीएस माइंस
जयपुर, 31 अगस्त। माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि राज्य में खनिज खोज, खान ब्लाकों का चिन्हीकरण, आवंटन, नीलामी प्रक्रिया, खनन, खनिज परिवहन, राजस्व संग्रहण, अवैध खनन व परिवहन की रोकथाम, ऑनलाईन डाटा उपलब्धता आदि प्रक्रिया व व्यवस्थाओं को पारदर्शी व अन्य प्रदेशों से अग्रणीबनाने की दिशा में राज्य सरकार आगे आ रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को इन राज्यों मेंं भेेजकर मध्यप्रदेश, ओडीसा, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के कानून कायदों और प्रक्रियाओं का अध्ययन कराया गया है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कर्नाटक और मध्यप्रदेश के दल की अध्ययन रिपोर्ट पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को अब चारों राज्यों में बजरी, मेजर मिनरल, माइनर मिनरल, नीलामी प्रक्रिया, ई रवन्ना या राजस्व वसूली व्यवस्था, खनिज परिवहन वाहनों की ट्रेकिंग व्यवस्था और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के प्रावधानों और जुर्माना की राशि व उसकी वसूली व्यवस्था की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि इसके अनुसार राज्य की आवश्यकता, उपयोगिता के अनुसार आत्मसात् किया जा सके।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में बजरी को लेकर 2019 से अलग से नियम बनाए हुए हैं। इसी तरह से माइनर मिनरल में एक भी ऑक्शन नहीं होकर आवंटन की प्रक्रिया है। उन्होंने बताया कि अधिकांश प्रदेशों में राज्य के खनिज निगम द्वारा खोज कार्य भी किया जा रहा है। इसी तरह से अधिकांश प्रदेश खान क्षेत्र में एसबीआई केप जैसी बाहरी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यपद्रेश में प्री बिडिंग मीट आदि का आयोजन कर सीधा संवाद कायम किया जाता है जिससे अधिक नीलामी में अधिक राजस्व मिलने की संभावना रहती है। उन्होंने बताया कि अन्य प्रदेशों की व्यवस्थाओं को राजस्थान के संदर्भ में परीक्षण कर निर्णय किया जाएगा।
निदेशक माइंस श्री केबी पण्डया ने बताया कि कई संदर्भों में राजस्थान सरकार के प्रावधान अन्य प्रदेशों से अधिक कारगर, पारदर्शी और उपादेय है। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित का तुलनात्मक अध्ययन कर राज्य सरकार को रिपोर्ट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश मेंं छोटे ब्लॉक तैयार कर नीलामी की व्यवस्था भी है।
वीसी में श्री अनील खमेसरा ने कर्नाटक की अध्ययन रिपोर्ट व श्री श्रीकृृष्ण शर्मा ने मध्यप्रदेश के प्रावधानों की प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी।