21 माह बाद खुले मसाणिया भैरव धाम पर श्रद्धालुओं की भीड। उपासक चम्पालाल महाराज ने खुद मोर्चा संभाला।

21 माह बाद खुले मसाणिया भैरव धाम पर श्रद्धालुओं की भीड। उपासक चम्पालाल महाराज ने खुद मोर्चा संभाला।
श्रद्धालुओं ने मनोकामना स्तंभ का चक्कर लगाया और आशीर्वाद प्राप्त किया।
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अजमेर के निकट रामगढ़ गांव स्थित मसाणिया भैरव धाम 5 सितंबर को श्रद्धालुओं के लिए खुल गया है। कोविड संक्रमण के कारण यह धाम पिछले 21 माह से बंद था। धाम में प्रत्येक रविवार को मसाणिया भैरव की आध्यात्मिक चौकी लगती है उपासक चंपालाल महाराज श्रद्धालुओं की समस्याओं को सुनकर जब आशीर्वाद और भभूत (चिमटी) देते है तो लोगों के कष्ट दूर होते है। यही वजह है कि आध्यात्मिक चौकी से आशीर्वाद लेने के लिए देशभर से श्रद्धालु प्रत्येक रविवार को राजगढ़ गांव आते है। चूंकि यह धाम 21 माह बाद खुला, इसलिए 5 सितम्बर रविवार को श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड रही। श्रद्धालुओं ने धाम में लगे मनोकामना स्तंभ का चक्कर लगाया और उपासक चंपालाल महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए महाराज ने स्वयं मोर्चा संभाला और धाम के सेवादारों को निर्देश देकर भीड़ को नियंत्रित करवाया। श्रद्धालु उपासक चंपालाल महाराज की एक झलक पाने के लिए उत्सुक थे। श्रद्धालुओं के लिए धाम परिसर में ही बड़ा सुविधाजनक शैड बनाया गया है। शैड में गोले बनाए गये, ताकि कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो सके। वैक्सीन लगवाने का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया गया। श्रद्धालुओं ने धाम परिसर में अखंड ज्योति के दर्शन भी किए। इस अवसर पर प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों के साथ साथ पूर्व मंत्री श्रीमती नसीम अख्तर, पूर्व विधायक रामनारायण गुर्जर, महेन्द्र ंिसह रलावता, सुरेन्द्र सिंह शेखावत सचिन सांखला आदि भी उपस्थित रहें। धाम के प्रवक्ता आविनाश सैन ने बताया के प्रशासन ने जो दिशा निर्देश दिए थे उसका पूरी तरह पालन किया गया है। धाम के संबंध में और अधिक जानकारी मोबाईल नम्बर 9829223268 पर आविनाश सैन से ली जा सकती है।