रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी एसओजी ने शिक्षा बोर्ड को नहीं दी।

रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की जानकारी एसओजी ने शिक्षा बोर्ड को नहीं दी।
3 हजार 997 केंद्रों के परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट बोर्ड के अजमेर मुख्यालय पर पहुंची। परिणाम तैयार करने में जुटा बोर्ड प्रशासन।
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राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) के एडीजी अशोक राठौड़ का एक बयान 27 सितंबर को दैनिक समाचार पत्रों में छपा है। इस बयान में राठौड़ ने कहा कि 26 सितंबर को लेबल दो की रीट परीक्षा प्रात: 10 बजे शुरू होनी थी, लेकिन पुलिस के कांस्टेबल देवेंद्र के मोबाइल फोन पर परीक्षा का प्रश्न पत्र प्रात: साढ़े आठ बजे ही आ गया। यानी प्रश्न पत्र डेढ़ घंटे पहले लीक हो गया। एसओजी ने देवेंद्र और हेड कांस्टेबल यदुवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन वहीं रीट परीक्षा आयोजित करने वाले राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव अरविंद सेंगवा का कहना है कि पुलिस की किसी भी जांच एजेंसी एवं सरकार की ओर से प्रश्न पत्र लीक होने की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी ने परीक्षा शुरू होने से पहले प्रश्न पत्र आउट होने के बारे में कोई रिपोर्ट बोर्ड को नहीं दी है।
सेंगवा ने कहा कि वे अखबारों में छपी खबर पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे, लेकिन बोर्ड प्रशासन यह नहीं मानता है कि प्रश्न पत्र लीक हुआ है। डमी परीक्षार्थियों के मामले में नियमानुसार कार्यवाही होगी। बोर्ड का मानना है कि रीट के दोनों लेब की परीक्षा पूरी गोपनीयता और निष्पक्षता के साथ हुई है। किसी भी योग्य परीक्षार्थी को घबराने की जरुरत नहीं है। परीक्षार्थी की योग्यता के आधार पर ही परिणाम घोषित होगा। बोर्ड अपनी ओर से भी प्रश्न पत्र लीक के किसी भी प्रकरण की जांच नहीं करवा रहा है। सेंगवा ने बताया कि बोर्ड की योजना के मुताबिक अब परिणाम तैयार करने की प्रक्रिया हो रही है। देर रात तक सभी 3 हजार 997 केंद्रों से परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट अजमेर मुख्यालय पहुंच गई है। बोर्ड अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली ने रीट परीक्षा में सहयोग करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताया है। डॉ. जारोली ने कहा कि सीएम गहलोत ने स्वयं दिशा निर्देश देकर परीक्षा को सफल करवाया।
लीक की आशंकाएं खत्म:
27 सितंबर को प्रदेश के प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों के प्रथम पृष्ठ पर रीट परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक होने की जिस तरह खबरें प्रकाशित हुई उससे परीक्षा को लेकर अनेक आशंकाएं उत्पन्न हो गई थी, लेकिन बोर्ड के सचिव अरविंद सेंगवा के बयान के बाद ऐसी आशंकाएं समाप्त हो गई। सवाल उठता है कि जब एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने मीडिया कर्मियों को प्रश्न पत्र लीक होने की खबरें दी तो फिर अपनी रिपोर्ट से सरकार या शिक्षा बोर्ड को अवगत क्यों नहीं करवाया? अखबारों में छपी खबरों के अनुसार कांस्टेबल देवेंद्र और हेड कांस्टेबल यदुवीर सिंह के मोबाइल फोन पर प्रश्न पत्र किसी गिरोह के माध्यम से प्राप्त हुए। यानी गिरोह ने जिस प्रकार दोनों पुलिसकर्मियों को परीक्षा से डेढ़ घंटे पहले उपलब्ध करवाए, उसी प्रकार अन्य लोगों को भी करवाएं होंगे। दोनों पुलिसकर्मियों की पत्नियों ने रीट की परीक्षा दी है। जहां तक मोबाइल फोन पर इंटरनेट नहीं चलने का सवाल है तो भले ही घरों, दफ्तरों या अन्य स्थानों पर लगे बीएसएनएल, एयरटेल आदि कंपनियों के ब्रॉडबैंड कनेक्शन के माध्यम से इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो रही थी। ब्रॉडबैंड पर नेटबंदी नहीं थी। यही वजह रही कि प्राइवेट संस्थानों और दुकानों पर ब्रॉडबैंड की सुविधा थी, वहां ऑनलाइन पेमेंट आदि भी हुए।