डीबीटी सलाहकार बोर्ड के गठन को मंजूरी मुख्य सचिव होंगे बोर्ड के चेयरमैन

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डीबीटी सलाहकार बोर्ड के गठन को मंजूरीमुख्य सचिव होंगे बोर्ड के चेयरमैनजयपुर, 6 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में सीएसएस की विभिन्न विभागों द्वारा संचालित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से संबंधित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन के लिए डीबीटी सलाहकार बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है। इस बोर्ड के चेयरमैन मुख्य सचिव होंगे।मुख्य सचिव के अलावा बोर्ड में कुल 11 सदस्य होंगे। इनमें डीबीटी योजनाओं से जुड़े विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/शासन सचिव सदस्य होंगे। जबकि शासन सचिव आयोजना विभाग जो कि, पदेन महानिदेशक जन आधार (डीबीटी सेल के स्टेट कोऑर्डिनेटर) भी हैं, इसके सदस्य सचिव होंगे। साथ ही, अतिरिक्त निदेशक (यूआईडी) सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग, स्टेट लेवल बैंकर्स समिति के संयोजक, राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के एमडी, एससी-एसटी वित्त एवं विकास को-ऑपरेटिव कॉर्पाेरेशन के एमडी, एनआईसी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल एवं स्टेट इन्फोर्मेटिक ऑफिसर, नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, विश्व बैंक एवं एशियन डवलपमेंट बैंक के प्रतिनिधि भी इस बोर्ड के सदस्य होंगे।डीबीटी सलाहकार बोर्ड प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं तकनीकी सहयोग के लिए भारत सरकार के डीबीटी मिशन के साथ समन्वय स्थापित करेगा एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को निर्देशित करेगा। बोर्ड डीबीटी योजनाओं का समयबद्ध रूप से लाभ संबंधित लाभार्थियों को मिल सके, यह सुनिश्चित करेगा। बोर्ड प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से जुड़े समस्त विभागों में आपसी तालमेल सुनिश्चित करेगा।उल्लेखनीय है कि वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित 75 सीएसएस योजनाओं की डीबीटी का तकनीकी कार्य जैसे प्रगति दर्ज करना, योजना का रजिस्टे्रेशन, कोड जनरेट करवाना, प्रश्नावली भरना तथा स्टेट डीबीटी पोर्टल पर दर्ज सूचना का एकीकरण कर उसे डीबीटी भारत पोर्टल पर दर्ज करना इत्यादि कार्य संबंधित विभाग के नोडल अधिकारी अथवा प्रतिनिधि द्वारा सूचना एवं प्रोद्यौगिकी विभाग की सहायता से किया जाता है। राज्य डीबीटी पोर्टल अर्थात जनआधार डीबीटी पोर्टल पर राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित 171 में से 85 योजनाओं का भी संचालन किया जा रहा है।—–