पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक देश-दुनिया में दिलाएं राजस्थान के पर्यटन को नई पहचान ः मुख्यमंत्री

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पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठकदेश-दुनिया में दिलाएं राजस्थान के पर्यटन को नई पहचान ः मुख्यमंत्रीजयपुर, 27 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान किले, महल, बावड़ियाें जैसी ऎतिहासिक धरोहरों के साथ ही पुरातत्व, लोकरंग एवं विविध प्राकृतिक सम्पदाओं का खजाना है। यहां कदम-कदम पर पर्यटन की संभावनाएं मौजूद हैं। ऎसे में प्रचार-प्रसार के आधुनिकतम माध्यमों से राजस्थान के पर्यटन की मजबूत ब्राण्डिंग कर यहां अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ब्राण्डिंग इस तरह हो कि पर्यटकों के मानस पटल पर राजस्थान की अमिट छवि अंकित हो जाए।श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पर्यटन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व मानचित्र पर पर्यटन की दृष्टि से राजस्थान का विशेष स्थान है। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग से यहां के पर्यटन को न केवल नई पहचान मिलेगी, बल्कि इससे जुड़े हुए उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रदेश के लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। ऎसे में पर्यटन गतिविधियों को व्यापक स्तर पर बढ़ाने से प्रदेश में रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध हो सकेंगे और राज्य की जीडीपी में भी वृद्धि होगी। राज्य सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की मंशा के साथ नई पर्यटन नीति-2020 जारी की है। साथ ही, वर्ष 2021-22 के बजट में पर्यटन विकास कोष में 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। इसमें आधारभूत संरचना के विकास एवं पर्यटन क्षेत्र में निवेश के लिए 300 करोड़ तथा टूरिस्ट डेस्टिनेशन ब्रांडिंग के लिए 200 करोड़ रूपए का बजट शामिल हैं।श्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान के पर्यटन को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए प्रभावी मीडिया कैंपेन चलाने के साथ ही रोड शो, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय ट्रेवल मार्ट, डोमेस्टिक ट्रेवल मार्ट, द ग्रेट इंडियन ट्रेवल बाजार जैसी गतिविधियों का वृहद स्तर पर आयोजन किया जाए। डिजिटल एवं आउटडोर मीडिया, आकर्षक क्रियेटिव्स एवं लघु फिल्मों आदि के माध्यम से पर्यटन गतिविधियों को शो-केस किया जाए। उन्होंने महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों तथा मेलों-उत्सवों की भी अंंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग पर्यटक स्थलों पर लपकों की समस्या को दूर करने के लिए प्रभावी उपाय सुनिश्चित करे, ताकि देश-विदेश से आए पर्यटक सुगमता और सहजता के साथ पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर सकें और उनके साथ किसी तरह की धोखाधड़ी या ठगी नहीं हो। जो भी पर्यटक राजस्थान आए वह यहां की अच्छी छवि लेकर जाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने करीब 20 साल पहले पर्यटकों की सहायता के लिए पर्यटक सहायता बल बनाया था। इसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। पर्यटन गतिविधियों के विस्तार को देखते हुए इस सहायता बल में कार्मिकों की संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।   पर्यटन राज्य मंत्री श्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पर्यटन गतिविधियों की काफी संभावनाएं मौजूद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोक नृत्य, लोक गीत, ग्रामीण खेल, हस्तकला तथा लोक संस्कृति से जुड़े उत्सव, मेलों आदि के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे इन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और पर्यटकों को राजस्थानी लोक संस्कृति से रूबरू होने का अवसर मिलेगा।  प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्रीमती गायत्री राठौड़ ने राजस्थान पर्यटन की ब्राण्डिंग एवं मार्केटिंग कार्य योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप विभाग प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। राजस्थान की ऎतिहासिक एवं सांस्कृतिक धरोहर तथा प्राकृतिक संपदा की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रभावी ब्राण्डिंग के प्रयास किये जा रहे हैं। बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, पर्यटन निदेशक श्री निशांत जैन, सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक श्री पुरूषोत्तम शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।—–