क्या अजमेर के प्रशासनिक अधिकारी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों के मुकाबले में नासमझ हैं?

क्या अजमेर के प्रशासनिक अधिकारी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों के मुकाबले में नासमझ हैं?
जब 17 नवंबर को जयपुर के स्टेडियम में 30 हजार क्रिकेट प्रेमी जुट सकते हैं तो अजमेर के पुष्कर मेले में खेलकूद सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिचक क्यों?
असमंजस की स्थिति की वजह से पुष्कर मेला फीका-कमल पाठक।
5 नवंबर तक के संबोधन में पीएम मोदी ने पुष्कर का नाम लिया था-सांसद चौधरी।
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8 नवंबर को राजस्थान सरकार ने नई गाइड लाइन जारी कर कोरोना काल की सभी पाबंदियां समाप्त कर दीं। खेलकूद धार्मिक, सांस्कृतिक शैक्षिक आदि सभी की छूट दे दी गई। शादी समारोह में भी 200 मेहमानों की संख्या को हटा दिया गया। सरकार की इस नई गाइड लाइन को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों ने तुरंत समझ लिया और 9 नवंबर को ही फैसला कर लिया कि 17 नवंबर को जयपुर में होने वाले भारत-न्यूजीलैंड टी-20 मैच के लिए एसएमएस स्टेडियम में क्षमता के अनुरूप 30 हजार दर्शक बैठाए जाएंगे। इसके लिए एक हजार से 15 हजार रुपए वाले टिकटों की बिक्री का प्लान भी कर दिया गया। एसोसिएशन के किसी भी अधिकारी ने यह नहीं कहा कि हम सरकार से और दिशा निर्देश प्राप्त करेंगे, लेकिन वहीं पुष्कर के अंतर्राष्ट्रीय मेले के लिए अजमेर प्रशासन के अधिकारी स्पष्ट आदेश नहीं दे पा रहे हैं। हालांकि मेले का शुभारंभ 9 नवंबर को झंडा रोहण की रस्म के साथ हो गया। मेले का समापन 19 नवंबर को पूर्णिमा स्नान के साथ हो जाएगा। लेकिन अभी तक भी पुष्कर मेले में खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि की घोषणा नहीं हुई है। सवाल उठता है कि क्या अजमेर के प्रशासनिक अधिकारी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों के मुकाबले में ना समझ हैं? चूंकि कोरोना संक्रमण की वजह से गत दो वर्षों से पुष्कर मेले का आयोजन नहीं हो रहा है, इसलिए इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु पुष्कर आएंगे। भले ही पशुओं की आवक कम हो, लेकिन श्रद्धालुओं खास कर महिलाओं में उत्साह है। यंू भी देशभर के धार्मिक स्थलों पर इन दिनों जबर्दस्त भीड़ है। पुष्कर मेला तो अनेक धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है। मान्यता है कि कार्तिम माह की पूर्णिमा पर सभी 33 करोड़ देवी देवता पुष्कर में मौजूद रहते हैं। यही वजह है कि कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को है। प्रशासन को कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए भी पवित्र सरोवर और घाटों पर विशेष इंतजाम करना हैं। ऐसा नहीं कि अजमरे में दिमाग वाले प्रशासनिक अधिकार न हो। अजमेर संभाग मुख्यालय है और संभागीय आयुक्त के पद पर डॉ. वीणा प्रधान विराजमान हैं। जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित के साथ अनेक युवा आईएएस की टीम है। ये युवा आईएएस उड़ती चिडिय़ा पर निशाना लगाने में समक्ष हैं। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार की नई गाइड लाइन को समझ कर पुष्कर मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा।
असमंजस की स्थिति:
पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट निर्देश नहीं मिलने के कारण मेले की तैयारियों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पाठक ने कहा कि इस बार बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंचतीर्थ स्नान के लिए पुष्कर आएंगे। प्रशासन को चाहिए कि वे जल्द से जल्द स्थिति को स्पष्ट करें ताकि पुख्ता तैयारियां हो सके।
पुष्कर का उल्लेख:
अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि गत पांच नवंबर को केदारनाथ धाम से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुष्कर तीर्थ का भी उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि यह बात गलत है कि प्रधानमंत्री ने पुष्कर तीर्थ का उल्लेख नहीं किया। चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से जो निर्देश प्रसारित हुए उसमें पुष्कर के लोगों के वर्चुअल संवाद की कोई बात नहीं थी। प्रधानमंत्री चाहते थे कि जो स्थान शंकराचार्य की कर्म भूमि से जुड़े हुए हैं, उन सभी स्थानों पर लोग एकत्रित हों। इसी उद्देश्य से पांच नवंबर को पुष्कर में भी ब्रह्मा मंदिर चौक पर कार्यक्रम रखा गया। भाजपा के प्रमुख पदाधिकारियों और पुष्कर के लोगों ने पूरे उत्साह के साथ प्रधानमंत्री के भाषण को सुना।