कोरोना नियंत्रण के साथ ही स्वास्थ्य ढांचे में सुधार कर राजस्थान को मेडिकल हब बनाने का कर रहे प्रयास – चिकित्सा मंत्री

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कोरोना नियंत्रण के साथ ही स्वास्थ्य ढांचे में सुधार कर राजस्थान को मेडिकल हब बनाने का कर रहे प्रयास – चिकित्सा मंत्रीजयपुर, 14 नवंबर। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने रविवार को अजमेर, उदयपुर और बीकानेर के राजकीय चिकित्सा महाविद्यालयों और संबद्ध अस्पतालों में एनआईसीयू, पीआईसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स तथा लैब का शिलान्यास व लोकार्पण किया। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि लगभग 44 करोड़ रुपये की लागत के इन कार्यों से अस्पतालों के स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती मिलेगी और संभावित तीसरी लहर में बच्चों पर जताए गए खतरे की आशंका को कम करने में मदद मिल सकेगी।अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज, उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज और बीकानेर के एसपी मेडिकल कॉलेजों में लगभग 16 करोड़, 72 लाख रुपये लागत के कुल 140 बेड एनआईसीयू और 300 बेड पीआईसीयू का शिलान्यास किया गया। यही पर लगभग 9 करोड़ रुपये लागत के 1130 सिलेंडर क्षमता वाले 8 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स और 4400 सिलेंडर प्रतिदिन क्षमता वाले 2 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट का लोकापर्ण भी किया गया। साथ ही लगभग 17 करोड़ 30 लाख रुपये लागत के 100 आईसीयू बेड, 20 एनआईसीयू बेड और एक बीएसएल-2 लैब का भी लोकापर्ण किया गया।जयपुर के स्वास्थ्य भवन से वर्चुअली आयोजित हुए इस कार्यक्रम में डॉ. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में कोविड काल की विषम परिस्थितियों में भी राज्य ने स्वास्थ्य ढांचे में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 1 लाख 45 हजार आरटीपीसीआर टेस्ट प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली गई है। उन्होंने शीघ्र ही एक हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की क्षमता भी प्राप्त करने का विश्वास जताया।चिकित्सा मंत्री ने स्वास्थ्य शासन सचिव श्री वैभव गालरिया की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग की सफल रणनीति ने कोरोना को अनियंत्रित होने से रोका। साथ ही, अंग प्रत्यारोपण के लिए विशेष ऑपरेशन थिएटर, आईपीडी टावर, नई कार्डियो विंग आदि के निर्माण से राज्य के नया मेडिकल हब बनने की उम्मीद भी जताई।कार्यक्रम में उपस्थित चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि पिछले 3 वर्ष में 15 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का रास्ता प्रशस्त हुआ है। राजकीय क्षेत्र में एमबीबीएस तथा पीजी सीट्स बढ़ने से निर्धन परिवारों के बच्चों को भी चिकित्सा शिक्षा सुलभ हुई है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही राज्य के 30 जिलों में मेडिकल कॉलेज होंगे और शेष 3 जिलों में भी चिकित्सा महाविद्यालयों की मंजूरी के लिए सांसदों से केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया।इस अवसर पर स्वास्थ्य शासन सचिव श्री वैभव गालरिया ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले महीने मुख्यमंत्री द्वारा 185 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स तथा 600 एनआईसीयू-पीआईसीयू बेड्स का लोकापर्ण किया गया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग न सिर्फ चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने के प्रयास कर रहा है बल्कि इनकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित कर रहा है। जयपुर के महिला और जनाना चिकित्सालयों में ही नियो नटल केयर सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं ताकि नवजात बच्चों को जेके लोन अस्पताल में लाने की आवश्यकता न पड़े।कार्यक्रम में संबंधित जिलों के सांसदगण, जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी और संबंधित चिकित्सा महाविद्यालयों के प्राचार्य भी उपस्थित रहे।