राजभवन में जनजातीय गौरव सम्मान समारोह आयोजित आदिवासी और गैर आदिवासियों की खाई पाटने के लिए व्यावहारिक स्तर पर प्रयास हों- जनजाति समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के लिए विशेष प्रयास जरूरी – राज्यपाल

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राजभवन में जनजातीय गौरव सम्मान समारोह आयोजितआदिवासी और गैर आदिवासियों की खाई पाटने के लिए व्यावहारिक स्तर पर प्रयास हों-जनजाति समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने के लिए विशेष प्रयास जरूरी – राज्यपालजयपुर, 15 नवम्बर। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने जनजातीय समाज को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनाते हुए राष्ट्र की मुख्यधारा में शामिल होने के अधिकाधिक अवसर प्रदान करने की जरूरत व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि आदिवासी और गैर आदिवासियों के बीच की खाने को पाटने के लिए व्यावहारिक स्तर पर प्रयास होने चाहिए।राज्यपाल श्री मिश्र क्रांतिकारी महापुरुष बिरसा मुंडा की जयन्ती के अवसर पर सोमवार को राजभवन में आयोजित जनजातीय गौरव सम्मान समारोह में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की कलाओं और उनकी संस्कृति के संरक्षण के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आजीविका के लिए अधिक से अधिक अवसर सृजित किये जाने चाहिए। इसके लिए जनजातीय क्षेत्र में चलायी जा रही कल्याण योजनाओं को और अधिक प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने की आवश्यकता है।राज्यपाल ने कहा कि महान क्रांतिकारी बिरसा मुंडा ने अंग्रेज शासन के खिलाफ सशस्त्र क्रांति का आवाहन करने के साथ आदिवासियों के हकों के लिए आवाज उठा। आदिवासी समाज में भगवान के रूप में पूजे जाने वाले बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की पहल की उन्होंने सराहना की।राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि आदिवासी ही पर्यावरण संरक्षण के साथ देश की अनमोल वन सम्पदा को बचाए रखने और धरती पर परिस्थितिकी संतुलन बनाए रखने का कार्य कर रहे हैं। इसे देखते हुए पर्यावरण मंत्रालय ने वन संसाधनों के प्रबंधन में जनजातीय समुदायों को और अधिक अधिकार देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि जनजाति समुदाय भारतीय संस्कृति की धरोहर हैं। आदिवासी समाज की लोक  संस्कृति, वहां के उत्सव, मेले और महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों के बारे में पता लगाकर उनके इतिहास और उनकी संस्कृति से जुड़ी धरोहर को संजोने के लिए विशेष कार्य किया जाना चाहिए।राज्यपाल ने इस अवसर पर अनुसूचित क्षेत्र में जनजातियों के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए उल्लेखनीय कार्य करने पर सिरोही जिले के मोरस एवं जाम्बूड़ी तथा उदयपुर जिले के पलोदड़ा, परसाद, देवला, झाड़ोली एवं मगवास के वनधन विकास केन्द्रों के प्रतिनिधियों को सम्मानित भी किया।राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार ने कहा कि संविधान में जनजातीय क्षेत्र विकास के लिए राज्यपाल के पास विशेष जिम्मेदारी दी गई है, जिसके अंतर्गत राज्यपाल श्री कलराज मिश्र की अध्यक्षता में नियमित रूप से बैठकें आयोजित कर प्रगति की समीक्षा की जा रही है।जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने जनजातीय क्षेत्र के लोगों के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी।जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग, उदयपुर की आयुक्त श्रीमती प्रज्ञा केवलरमानी ने जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन के उद्देश्य के बारे में अवगत कराया।  इस अवसर पर ट्राईफैड, जयपुर के क्षेत्रीय प्रबन्धक श्री रोहित जैन, राजभवन में संयुक्त सचिव और निदेशक टीएडी श्रीमती कविता सिंह सहित जनजातीय क्षेत्र विकास के अधिकारी एवं वनधन विकास केन्द्रों के सदस्य उपस्थित रहे।——