टूकड़ा की पहाड़ी की ऊंचाई सात मीटर कम हो जाए तो किशनगढ़ एयरपोर्ट पर बड़े जहाजों का आवागमन शुरू हो सकता है। पहाड़ी काटने पर 33 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

टूकड़ा की पहाड़ी की ऊंचाई सात मीटर कम हो जाए तो किशनगढ़ एयरपोर्ट पर बड़े जहाजों का आवागमन शुरू हो सकता है। पहाड़ी काटने पर 33 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

सलाहकार समिति की बैठक में सदस्य सुभाष काबरा ने किशनगढ़ से जम्मू और देहरादून हवाई सेवा शुरू करने की मांग की।

अजमेर के किशनगढ़ एयरपोर्ट की नवगठित सलाहकार समिति की बैठक 9 सितंबर को एयरपोर्ट परिसर के कॉन्फ्रेंस हॉल में सांसद भागीरथ सिंह चौधरी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में समिति के संयोजक और एयरपोर्ट के निदेशक बीएल मीणा भी उपस्थित रहे। बैठक में किशनगढ़ एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का पोर्ट बनाने में आने वाली अड़चनों पर विचार विमर्श किया गया। पोर्ट के निदेशक मीणा ने बताया कि एयरपोर्ट के निकट टूकड़ा पहाड़ी की ऊंचाई 27 मीटर है। इस ऊंचाई की वजह से बड़े आकर के जहाज एयरपोर्ट पर नहीं उतर सकते हैं। यदि पहाड़ी की ऊंचाई सात मीटर कम कर दी जाए तो बड़े जहाजों का आवागमन हो सकता है। मीणा ने कहा कि विदेशों से बड़े आकर के जहाज ही आते हैं। उन्होंने बताया कि किशनगढ़ एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए 747 एकड़ भूमि पर्याप्त है। इस भूमि पर और भी विकास कार्य आसानी से हो सकते हैं। पहाड़ी की ऊंचाई का कम करने को लेकर उड्डयन मंत्रालय के विशेषज्ञों के दल का सर्वे भी हो चुका है। इस कार्य पर करीब 33 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी, जिसे राज्य सरकार को वहन करना है। बैठक में समिति के सदस्य और अजमेर के पूर्व मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि पहले यह पता लगाया जाए कि टूकड़ा पहाड़ी पर मालिकाना हक किस विभाग का है। अकेले पीडब्ल्यूडी के भरोसे नहीं रहा जा सकता है। इस पर सांसद चौधरी ने कहा कि यदि केंद्र सरकार से पहाड़ी काटने को लेकर कोई अनुमति की जरूरत होगी तो वे संबंधित विभाग से अनुमति लेकर आएंगे। चौधरी ने कहा कि वे चाहते हैं कि किशनगढ़ एयरपोर्ट का स्वरूप अंतरराष्ट्रीय स्तर का हो। इस अवसर पर चौधरी ने कमेटी के सभी सदस्यों को बधाई भी दी। बैठक में समिति के सदस्य और प्रमुख समाजसेवी सुभाष काबरा ने कहा कि किशनगढ़ एयरपोर्ट से जम्मू और देहरादून की हवाई सेवा भी शुरू की जाए ताकि हरिद्वार में गंगा स्नान और वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि यदि ये दोनों हवाई सेवा शुरू होती है, तो संबंधित कंपनियों को यात्रियों की कमी नहीं रहेगी। किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुधीर जैन ने कहा कि मुंबई की हवाई सेवा के समय में बदलाव किया जाए। यदि मुंबई से प्रात:फ्लाई आती है और शाम को जाती है तो इससे किशनगढ़ में मार्बल की बिक्री और हो सकती है। जैन ने बताया कि मौजूदा समय में मुंबई के लिए मार्बल एसोसिएशन के परिवारों के सदस्यों को हवाई यात्रा करने पर एक हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। बैठक में समिति के सदस्य और प्रमुख उद्योग पति राधे चोयल ने कहा कि किशनगढ़ एयरपोर्ट को अपनी वेबसाइट अपडेट करते रहना चाहिए। अभी वेबसाइट पर पुरानी जानकारी ही उपलब्ध है। इससे यात्रियों को किशनगढ़ से हवाई सेवाओं के बारे में ताजा जानकारी नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार विमान कंपनियां अपनी वेबसाइट को प्रतिदिन अपडेट करती हैं उसी प्रकार एयरपोर्ट की वेबसाइट को भी अपडेट किया जाना चाहिए। बैठक में यह भी सुझाव रखा गया कि एयरपोर्ट के प्रवेश और निकास द्वार के यातायात को सुगम बनाया जाए। इसके लिए एक फ्लाईओवर बनाया जाए ताकि यात्री आसानी से आ जा सके। सदस्यों ने यह भी कहा कि अजमेर शहर से किशनगढ़ एयरपोर्ट की दूरी करीब 15 किलोमीटर है। ऐसे में टैक्सी चालक अजमेर-किशनगढ़ का मनमाना किराया वसूलते हैं। अच्छा हो कि एयरपोर्ट के निकट ही एक बस स्टैंड बनाया जाए और किशनगढ़-अजमेर के बीच चलने वाली बसों को इस स्टैंड लाया जाए। एयरपोर्ट के बाहर नेशनल हाईवे की ओर एक साइन बोर्ड लगाने का सुझाव भी रखा गया। निदेशक मीणा ने कहा कि बैठक में जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन सब पर गंभीरता के साथ विचार किया जाएगा। बैठक में जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। बैठक के बाद सभी सदस्यों ने एयरपोर्ट परिसर में ही पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में किशनगढ़ से हैदराबाद, दिल्ली, अहमदाबाद, इंदौर, और मुंबई की हवाई सेवाओं का संचालन हो रहा है।