ब्रज के पर्वतों में अवैध खनन को लेकर आंदोलन तेज – भरतपुर

भरतपुर

ब्रज के पर्वतों में अवैध खनन को लेकर आंदोलन तेज, क्रांति यात्रा के माध्यम से सरकार को दी आर-पार की लड़ाई की चेतावनी, कहा अगर ब्रज के पर्वत को खनन मुक्त नहीं किया तो मरेंगे साधु संत, डीग के बाजारों में गुंजा ब्रज के पर्वतों के रक्षण की हुंकार

आंदोलनकारियों ने कहा कि इस बार का संघर्ष होगा निर्णायक

ब्रज के पर्वत कनकाचल वआदिबद्री पर हो रहे विनाशकारी खनन के विरोध में पिछले 193 दिनों से जारी साधु संतों का धरना अब एक बड़े आंदोलन का रूप लेने लगा है। आंदोलनकारी ‘क्रांति यात्रा’ के माध्यम से ब्रज क्षेत्र से लगे सभी गांवों कस्बों व शहरों में जाकर ग्रामवासियों व ब्रजवासियों को इस विनाश के बारे में जागृत कर रहे हैं । आज क्रांति यात्रा के तीसरे दिन यात्री परमदरा से चलकर डीग के बाजारों से होती हुई एडीएम कार्यालय पहुंची जहां यात्रियों ने प्रदर्शन कर एडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ।
इस मौके पर उपस्थित लोगों ने कहा की ब्रज के पर्वत हमारे पर्यावरण की आधारभूत शिला है अगर इन्हें नष्ट कर दिया तो ब्रज का समस्त पर्यावरण व भौगोलिकता पूर्ण रूप से समाप्त हो जाएगी जिसके चलते पूरे ब्रज क्षेत्र में अप्रिय घटित हो सकती हैं। हर बृजवासी इस क्रांति में आंदोलनकारियों के साथ है व सरकार से अपील करता है कि वह तुरंत दोनों पर्वतों को खनन मुक्त कर ब्रज के पर्यावरण व प्रकृति को सुरक्षित करें । लोगों का कहना है कि सरकार व प्रशासनिक अमला बेखौफ खनन कर्ताओ को ब्रजभूमि को नष्ट करने दे रहा है । इतिहास साक्षी है कि जब भी ब्रज के पर्वतों एवं ब्रजभूमि पर संकट आया है तो साधु-संतों ने ही ब्रज की रक्षा का बीड़ा उठाया है । इस बार साधु संत अपना सब कुछ दाव पर लगाने के लिए तत्पर है । साध्वी गौरी ने यात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि 4 अगस्त तक अगर राजस्थान के मुख्यमंत्री साधु-संतों की अपील को नहीं मानकर अपना किया हुआ वादा पूरा नहीं करते हैं तो भारी संख्या में साधु संत व साध्वियां आमरण अनशन के लिए विवश हो जाएंगे और यह क्रम तब तक चलेगा जब तक सरकार हमारे परम आराध्य कनकाचल व आदिबद्री पर्वत को खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित नहीं करते है अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम सभी ब्रज के पर्वतों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हैं ।