Indian Railways : रेलवे अंडर ब्रिज में भरे पानी में डूबने से इकलौते बालक की मौत, आलोट की घटना

Indian Railways : रेलवे अंडर ब्रिज में भरे पानी में डूबने से इकलौते बालक की मौत, आलोट की घटना

Kota Rail News :  कोटा रेल मंडल में बरसाती पानी से भरे अंडर ब्रिज अब लोगों की जान लेने लगे है। ऐसा ही एक मामला गुरुवार को विक्रमगढ़ आलोट को लूनीरिछा स्टेशनों के बीच बने अंडर ब्रिज में देखने को मिला। इस अंडर ब्रिज में भरे बरसाती पानी में डूबकर एक 13 साल के बालक की मौत हो गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर बालक का शव परिजनों को सौंपा। यह बालक परिवार में इकलौता बताया जा रहा है। कुछ समय पहले इस बालक की माता का भी स्वर्गवास हो गया था। पिता बीमार हैं। यह कई महीनों से बिस्तर पर हैं। बालक की एक छोटी बहन भी है l
पुलिस ने बताया कि बालक का नाम धर्मेंद्र पुत्र दिनेश डाबी था। यह पास के सनखेड़ी गांव का रहने वाला था। धर्मेंद्र जानवरों के लिए चारा लेने खेत पर जा रहा था। अंडर ब्रिज में पानी भरे होने के कारण धर्मेंद्र रेल पटरियों के ऊपर से निकल रहा था। तभी अचानक पांव फिसलने से धर्मेंद्र अंडर ब्रिज में भरे पानी में गिर गया। तैरना नहीं जानने के कारण धर्मेंद्र की पानी में डूबने से मौत हो गई।
रेलवे की लापरवाही से गई जान
सूचना पर बड़ी संख्या में गांव वाले मौके पर एकत्रित हो गए। गांव वालों ने यहां विरोध प्रदर्शन रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौत के लिए गांव वालों ने रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है। गांव वालों ने बताया कि रेलवे की लापरवाही के चलते ही धर्मेंद्र की जान गई है। दर्जनों बार मांग करने के बाद भी रेलवे ने अंडर ब्रिज से पानी निकासी के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की। अंडर ब्रिज से पानी निकालने के लिए यहां पर एक पंप लगा रखा है। लेकिन पंप से निकला पानी वापस घूम फिर कर इसी अंडर ब्रिज में आ जाता है। ऐसे में यहां पंप लगाने का कोई फायदा नहीं मिल रहा है। पंप से पानी निकालने में रेलवे का लाखों रुपया व्यर्थ हो रहा है।
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गांव वालों ने चेतावनी दी है कि यदि रेलवे ने बालक की मौत के लिए मुआवजा नहीं दिया और अंडर ब्रिज से पानी निकालने की ठोस व्यवस्था नहीं की तो आंदोलन किया जाएगा।
पहला हादसा नहीं
रेलवे अंडर ब्रिज में पानी भरने के कारण यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले इसी महीने डकनिया अंडर ब्रिज में भी भर बरसाती पानी में कुछ लोग कार सहित डूबने से बच गए थे। अंडर ब्रिज में भरे पानी के कारण कुछ लोग पटरियों से निकलने के दौरान भी ट्रेन की चपेट में आने से बाल-बाल बचे हैं। अंडर ब्रिज में पानी भरा होने के कारण अभी भी बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे और लोग पटरियों से निकलते हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।