Kota : रेलवे इंस्टिट्यूट के चुनाव आज, प्रत्याशियों ने किए अपनी जीत के दावे

Kota : रेलवे इंस्टिट्यूट के चुनाव आज, प्रत्याशियों ने किए अपनी जीत के दावे

Kota Rail News :  रेलवे इंस्टिट्यूट (संस्थान) के चुनाव सोमवार को होंगे। इस चुनाव में इंस्टिट्यूट के कुल 3621 सदस्य अपना वोट डाल सकेंगे। वोट के लिए कुल 3 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। बूथ नंबर एक सामुदायिक भवन में एक से 1419 तक, बूथ नंबर दो रेल संस्थान में 1420 से 2838 तक तथा बूथ नंबर तीन सामुदायिक भवन कारखाना में 783 सदस्य अपने वोट डाल सकेंगे। एक सदस्य सचिव और अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के 7 उम्मीदवारों को अपना वोट दे सकेगा। मतदान सुबह 8 से शाम 4:30 बजे तक होगा। इसके बाद 5:30 बजे से डीआरएम कार्यालय में मतगणना शुरू होगी।
मतगणना के रात भर चलने की उम्मीद है। ऐसे में परिणाम अगले दिन मंगलवार को आने की संभावना है। परिणाम में देरी का कारण कारण एक-एक सदस्य के 9-9 वोटों को गिनना माना जा रहा है। पिछली बार वर्तमान से करीब आधे ही सदस्य थे। तब भी परिणाम आने में सुबह के करीब 5 बज गए थे।
एसटी-एससी कर्मचारियों ने दिया मजदूर संघ को समर्थन
इस चुनाव में एसटी-एससी कर्मचारियों में मजदूर संघ को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है। ऑल इंडिया एसटी एससी रेलवे एंप्लाइज एसोसिएशन के कार्यमुक्त अध्यक्ष मोहन सिंह ने बताया कि इसका निर्णय रविवार को हुई एक बैठक में लिया गया।
गुप्त मतदान के उल्लंघन की आशंका
सूत्रों ने इस चुनाव में गुप्त मतदान के नियमों के उल्लंघन की भी आशंका जताई है। सूत्रों ने बताया कि कई संगठनों और प्रत्याशियों ने आशंका वाले वोटरों से अपने मतपत्र की मोबाइल से फोटो खींचकर लाने को कहा है। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उन्होंने वोट उनको ही दिया है। ऐसे में कई प्रत्याशियों ने प्रशासन से वोट देने के समय मोबाइल पर रोक की मांग की है।
यह है मैदान में
इंस्टीट्यूट के चुनाव में सचिव पद के लिए महेंद्र सिंह खींची मनजीत सिंह बग्गा, ओम प्रकाश कोली, नरेश कुमार मीणा, अब्दुल वहीद एवं कोषाध्यक्ष के लिए प्रदीप शर्मा, चेतन शर्मा एवं नरेश कुमार मीणा तथा कार्यकारिणी के लिए 16 सदस्य मैदान में हैं।
प्रत्याशियों ने किए अपनी-अपनी जीत के दावे
चुनाव में खड़े सभी प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। एंप्लाइज यूनियन द्वारा जहां अपने कामों को गिना कर वोट मांग रही है। वहीं मजदूर संघ परिवर्तन करने और एक बार मौका देने के नाम पर समर्थन जुटा रहा है। चुनाव में अपनी ताल ठोक रहे निर्दलीय भी बेहतर विकल्प देने के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
चुनावी विश्लेषकों ने बताया कि निर्दलीय संगठनों की जीत का आंकड़ा कम कर सकते हैं। अगर कोई संगठन कम मार्जन से हारता है तो इसका मुख्य कारण निर्दलीय हो सकते हैं।
रात भर जुटे रहे रणनीति में
जीत के लिए प्रत्याशी रात भर रणनीति बनाते रहे। अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए संगठन साम-दाम-दंड-भेद पर भी चर्चा करने से पीछे नहीं रहे। साथ ही प्रत्याशी जातिगत समीकरण के गुणा-भाग में जुटे रहे। अपने पक्ष में मतदान कराने के लिए प्रत्याशी एक-एक वोटर से लगातार संपर्क में रहे। चुनाव के लिए विभिन्न संगठनों के कार्यालयों में रात में भी कर्मचारियों और समर्थकों का मेला जुटा रहा।
चुनाव के लिए मतदान केंद्रों पर रविवार को ही पोलिंग बूथ बना दिए गए।
इस दौरान बिना नाम-पते के लगे ‘संकल्प है परिवर्तन का’ के पोस्टर भी कर्मचारियों के बीच रविवार को दिनभर चर्चा का विषय बनी रहे। रविवार को यह और अधिक संख्या में नजर आए।