आरपीएफ हिरासत में आरोपी के दिमाग की नस फटी, झालावाड़ में भर्ती, कोटा से पहुंचकर सुरक्षा आयुक्त ने जाने हाल – कोटा

आरपीएफ हिरासत में आरोपी के दिमाग की नस फटी, झालावाड़ में भर्ती, कोटा से पहुंचकर सुरक्षा आयुक्त ने जाने हाल
कोटा। रामगंजमंडी स्थित रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की हिरासत में रविवार को एक आरोपी के दिमाग की नस फटने (ब्रेन हेमरेज) का मामला सामने आया है। आरोपी का इलाज झालावाड़ सरकारी अस्पताल में चल रहा है। घटना की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोटा से वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय प्रकाश और सहायक सुरक्षा आयुक्त संजय चौधरी झालावाड़ खुद आरोपी के हाल चाल जाने।
सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों को सूचना मिल रही थी कि मोडक स्थित एक निजी सीमेंट फैक्ट्री में अंदर जाने वाली खाली माल गाड़ियों के डिब्बों में बिखरा हुआ सीमेंट एकत्रित करते हैं। बाद यह लोग इस सीमेंट को दुबारा से कट्टों में भरकर बेच देते हैं। इस सूचना पर अधिकारियों ने कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
जप्त किए 180 कट्टे
कार्रवाई के लिए कोटा से पहुंचे आरपीएफ अधिकारियों ने एक जून को मौके पर खेतों में छुपा कर रखे सीमेंट से भरे 180 कट्टे जप्त किए थे। बाद में रामगंजमंडी आरपीएफ में मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरु की थी।
हिरासत में बिगड़ी तबीयत
काफी तलाश के बाद आरपीएफ ने मोड़क के पास स्थित छापरला गांव से विजय (50) पुत्र प्रभारी लाल को हिरासत में लिया था। आरपीएफ पोस्ट पर विजय से पूछताछ की जा रही थी। इसी दौरान विजय की अचानक तबीयत हो गई। आरपीएफ ने विजय को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने विजय को झालावाड़ रेफर कर दिया। झालावाड़ में जांच के दौरान विजय के ब्रेन हेमरेज होने का पता चला।
मचा हड़कंप
हिरासत में आरोपी के दिमाग की नस फटने की सूचना से आरपीएफ में हड़कंप मच गया। सूचना पर कोटा से विजय प्रकाश को संजय चौधरी सरकारी वाहन से तुरंत झालावाड़ के लिए रवाना हो गए। जहां पहुंचकर अधिकारियों ने डॉक्टरों से विजय के हाल-चाल जाने।
डॉक्टरों ने बताया कि विजय की हालत गंभीर बनी हुई है। विजय फिलहाल वेंटीलेटर पर है।
पहले से थी तबीयत खराब
सूत्रों ने बताया कि विजय की तबीयत पहले से खराब थी। विजय का इलाज भी चल रहा था। विजय अपने इलाज के लिए कई बार कोटा भी आ चुका है। विजय के पास दवाई गोली भी बरामद हुई हैं। विजय पहले भी चोरी के आरोप में पकड़ा जा चुका है।
वर्षों से चल रहा है यह धंधा
सूत्रों ने बताया कि अंदर फैक्ट्री में जाने से पहले मालगाड़ी कुछ देर के लिए बाहर खड़ी रहती है। इसी दौरान कुछ महिलाएं और पुरुष खाली वैगनों में से सीमेंट एकत्रित कर लेते हैं। सीमेंट चोरी का यह धंधा यहां वर्षों से लगातार चल रहा है। लेकिन इसे आज तक किसी ने रोकने की कोशिश नहीं की।
इस संबंध में वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विजय प्रकाश से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन विजय के फोन नहीं उठाने के कारण मामले पर प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।