दंत चिकित्सक तीन,पर संसाधन की कमीं,दंत रोगियों को नहीं मिल रहा लाभ-गंगापुर सिटी

दंत चिकित्सक तीन,पर संसाधन की कमीं,दंत रोगियों को नहीं मिल रहा लाभ

राजकीय सामान्य चिकित्सालय का मामला-गंगापुर सिटी
उपखण्ड मुख्यालय के राजकीय चिकित्सालय में दंत चिकित्सक तो तीन हंै लेकिन आवश्यक संसाधनों का अभाव होने से चिकित्सकों की उपलब्धता का क्षेत्र के दंत रोगियों को लाभ नहीं मिल रहा है। संसाधनों की कमी के कारण विशेषज्ञ चिकित्सक महज परामर्श देने व दांतों को उखाड़ने तक ही सीमित होकर रहे गए। अस्पताल में ऑपीजी (डेन्टल वैन) सहित अन्य सुविधाओं का अभाव बेहतर दंत चिकित्सा में अड़चन डाल रहा है। इस सम्बन्ध में चिकित्सालय के दंत चिकित्सक मुकेश जौरवाल ने बताया कि चिकित्सालय में दंत चिकित्सा के विशेष उपकरण व ओपीजी मशीन आदि उपलब्ध नहीं है। इस कारण रोगियों को रेफर करना पड़ रहा है।फिलहाल तीन चिकित्सक
:चिकित्सालय में वर्तमान में चार चिकित्सक हैं। इनमें एक वरिष्ठ व दो कनिष्ठ विशेषज्ञ हंै। अस्पताल में प्रतिदिन 30 से 40 दंत रोगी आते हंै लेकिन सुविधाओं की कमी के चलते रोगी रेफर किए जाते हैं इससे रोगियों को मजबूरन निजी अस्पतालों में जाने को विवश होना पड़ रहा है।
स्केंनिग टेस्ट की नहीं सुविधा :
दंत चिकित्सा में स्केनिंग टेस्ट होना महत्वपूर्ण है। इस टेस्ट से कैंसर का प्रांरभिक स्तर पर ही पता चल जाता है मगर चिकित्सालय में यह सुविधा भी उपलब्ध नहीं है इससे रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।ओपीजी नहीं होने से जबड़े के नहीं होते एक्स-रे :चिकित्सालय में ओपीजी मशीन नहीं होने से जबडे के एक्स-रे नहीं हो रहे हैं। दुर्घटना में घायल का जबड़ा टूटने पर उपचार के लिए एक्सरे जरुरी होता है। ओपीजी से जबड़े के ऊपर व नीचे का एक्सरे एक साथ किया जा सकता है जबकि सामान्य मशीन से यह संभव नहीं है। इस कारण इस प्रकार के घायलों को यहां कोई उपचार नहीं मिल पाता है। साथ ही रोगी के टेढ़े मेढ़े दंातों की वायरिंग भी नहीं हो पा रही है। इससे रोगियों का अस्पताल से मोहभंग हो रहा है। दंत वाहन भी नहीं :अस्पताल में दंत वाहन (डेन्टल वैन) भी नहीं है। दंत वाहन सभी आवश्यक उपकरणों की से सुसज्जित होता है। इसके मिलने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में दंत चिकित्सा शिविर आयोजित किया जा सकते हैं। साथ ही लोगों को दांतों की देखरेख के प्रति जागरुक किया जा सकता है। दंत वाहन नहीं होने से शिविर आयोजित नहीं हो रहे हैं।