अब धरने का कोई औचित्य नहीं

लहसोड़ा का हरिशंकर आत्म हत्या मामला जॉंच के आधार पर दोषी मिले तीनों आरोपी गिरफ्तार अब धरने का कोई औचित्य नहीं – कलेक्टर
सवाई माधोपुर 19 मार्च। जिले के निकटवर्ती ग्राम लहसोडा निवासी हरिशंकर जांगिड़ की गत 13 सितम्बर को मृत्यु हो गई थी। इस पर रजावना डूंगर थाने में उसके परिजन ने हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था। पुलिस अनुसंधान में मामला आत्महत्या निकला। इसके बाद धारा 306 में मामला दर्ज कर आगे जाँच शुरू की ओर आत्म हत्या के लिए उकसाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया जो जेल में है।
इस घटना क्रम को लेकर शुक्रवार को जिला कलेक्टर के कक्ष में गंगापुर सिटी एएसपी हिमांशु शर्मा जो वर्तमान में इस मामले के जांच अधिकारी है ने मीडिया से बात करते हुये यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच प्रारम्भ में रवांजना डूंगर थानाधिकारी ने उसके बाद पुलिस उपाधीक्षक सिटी नारायण तिवारी ने की ओर उसके बाद ये जांच मेरे पास आई।उन्होंने बताया कि कानून के हिसाब से पूरी जांच निष्पक्ष ओर ईमानदारी के साथ करते हुए पीड़ित परिवार के साथ न्याय किया गया है।इस अवसर पर जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन, एसपी सुधीर चैधरी, एसडीएम कपिल शर्मा और तहसीलदार प्रीति मीणा भी मौजूद रहे।
इस मौके पर जिला कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हरिशंकर का परिवार अब बे वजह धरने पर बैठा है, हमने हर स्तर पर उनको समझाने के प्रयास कर लिए है, उसके बावजूद वे लोग यंहा से हटने को तैयार नही है, लेकिन समय रहते उन्होंने हाइवे को खाली नही किया तो प्रशासन को कोई न्याय संगत कदम उठाना पड़ सकता है। जिला कलेक्टर ने तो यंहा तक कहा कि उन्होंने तो खुद आगे से पीड़ित परिवार को बुलवाकर उनकी पीड़ा को समझा प्रभारी मंत्री के सामने उनका सारा मामला रखते हुए धरना समाप्त करने की समझाइश की।
कलेक्टर का कहना है कि मामला आत्म हत्या का है इसलिए किसी तरह के दबाव में पुलिस और राजस्व विभाग कोई कार्यवाही नही कर सकता, न्याय संगत जो कारवाही होनी चाहिए थी कि गई है। उप जिला कलेक्टर कपिल शर्मा और तहसीलदार प्रीति मीना ने भी कहा कि वे भी हरिशंकर के परिवार के साथ समझाइस के सभी प्रयास कर चुके हैं, लेकिन वे लोग समझना ही नही चाहते है। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन व पुलिस अधीक्षक सुधीर चैधरी ने इस मामले में संयम से काम लेते हुए सहयोग कर वास्तविकता से अवगत कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरिशंकर के परिजन जिन मांगों को लेकर अब जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठे हैं, वे कानून सम्मत नहीं हैं। आत्महत्या के लिये उकसाने के प्रकरण में सरकारी नौकरी, 10 लाख रूपये मुआवजा नहीं दिया जा सकता जो कि धरने पर बैठे लोगों की मांग है। इस प्रकरण में जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने बताया कि प्रशासन ने धरने पर बैठे लोगों से धरना समाप्त करने के लिये काफी समझाइश की है तथा स्पष्ट बता दिया है कि उनकी मांगे कानून सम्मत न होने के कारण पूरी नहीं की जा सकती।