हर्षोल्लास से मनाई मीठी ईद, घर पर ही अदा की नमाज

हर्षोल्लास से मनाई मीठी ईद, घर पर ही अदा की नमाज
सवाई माधोपुर 14 मई। जिले भर में 14 मई शुक्रवार को ईद उल फितर (मीठी ईद) का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ घरों पर ही मनाया गया।
आपसी भाईचारे के त्यौहार के रूप में मनाया जाने वाला ईद का त्यौहार इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते घर पर रहते हुए मनाया तथा घर पर ही ईद की नामजा अदा की। लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे को ईद की बधाइयां दी।
चैथ का बरवाड़ा जामा मस्जिद के पूर्व पेश इमाम हाफिज कारी मुजीबुर्रहमान ने बताया की इस्लामिक मान्यता के अनुसार रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। माना जाता है की मक्का से पैगम्बर मोहम्मद साहब के समय में ही पवित्र शहर मदीना में ईद उल फितर का उत्सव शुरू हुआ। पैगंबर हजरत मोहम्मद ने जंग ए बदर की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में सबका मुंह मीठा करवाया जाता था। इसी दिन को मीठी ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मीठे पकवान जैसे सेवई आदि बनाते हैं। ईद उल फितर को दान या जकात का पर्व कहा जाता है। उन्होंने बताया कि रमजान के पाक महीने में सच्चे मन से रोजे रखने वालों पर अल्लाह मेहरबान रहते हैं।
सामान्य रूप से सभी मुस्लिम समाज के लोग ईद की नमाज सामुहिक रूप से अदा करने हेतु ईदगाह जाते हैं। एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हुए गले मिलते हैं। ईद के पर्व का इंतजार बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक होता है। रमजान के महीने में रोजों के अंतिम दिन ईद मनाई जाती है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से सामुहिक नमाज अदा नहीं हुई बल्कि अपने घर पर ही नमाज अदा की गई।
इसी प्रकार शिवाड़ कस्बे सहित क्षैत्र में मुस्लिम वर्ग के लोगो द्वारा ईद की नमाज घरो पर ही अदा की गई। पुलिस एवं प्रशासन अधिकारियो ने गुरूवार को मुस्लिम समाज के मोलवी, उलेमा, काजी एवं प्रबुद्धजनो को कोरोना गाइडलाईन की पालना समझाईश पर घरो मे ईद नमाज पढकर अमन चैन के लिए दुआ अदा कर कौरोना चेन को तोडने की अपील की गई। जिस पर लोगो ने घर पर रहकर नमाज पढी गई।
शिवाड पुलिस चैकी नौशाद खान ने बताया कि शिवाड सारसोप ईसरदा मस्जिद मे मात्र काजी मौलवी ने ईद की नमाज अदा की। सभी लोगो ने अपने अपने घरो मे ईद की नमाज अदा कर एक दुसरे को ईद की मुबारकबाद दी।