कोरोना काल ने 22 बच्चे अनाथ किये, इसके अतिरिक्त 29 बच्चों ने पिता और 1 बच्चे ने मॉं को खोया, ऐसे बच्चों के लिये माता-पिता की दोहरी भूमिका निभायेगी, राज्य सरकार, कलेक्टर रहेंगे अभिभावक की भूमिका में

कोरोना काल ने 22 बच्चे अनाथ किये, इसके अतिरिक्त 29 बच्चों ने पिता और 1 बच्चे ने मॉं को खोया, ऐसे बच्चों के लिये माता-पिता की दोहरी भूमिका निभायेगी, राज्य सरकार, कलेक्टर रहेंगे अभिभावक की भूमिका में
सवाई माधोपुर, 24 जून। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जिले में 30 बच्चों से माता या पिता में से किसी 1 को छीन लिया है तथा इसके अतिरिक्त 22 बच्चे अनाथ हो गये हैं। जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन के निर्देश पर किये गये सर्वे में यह जानकारी सामने आयी है।
गुरूवार को कलेक्टर ने कलेक्ट्रेट सभागार में समेकित बाल संरक्षण योजना क्रियांवयन की समीक्षा बैठक में महिला अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य समेत अन्य विभागों तथा जिला बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इन बच्चों के कल्याण, पढाई और पुनर्वास के लिये राज्य सरकार द्वारा घोषित पैकेज तथा अन्य योजनाओं में इन्हें जल्द से जल्द लाभ दिलवाने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने बताया कि ऐसे बच्चों को डे एनयूएलएम योजना के अन्तर्गत संचालित आश्रय स्थलों में आश्रय प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना महामारी से माता-पिता दोनों की अथवा एकल माता-पिता की मृत्यु होने के कारण हुए अनाथ बच्चों को पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन के अतिरिक्त मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के अन्तर्गत भी लाभ दिया जाना प्रस्तावित है। इन अनाथ बालक-बालिकाओं की तत्काल आवश्यकता के लिए एक लाख रूपये का अनुदान तथा 18 वर्ष का होने तक प्रतिमाह 2 हजार 500 रूपये की सहायता दी जायेगी।
उन्होंने बताया कि इन अनाथ बच्चों को 18 वर्ष पूर्ण होने पर 5 लाख रूपये की सहायता तथा 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से दी जायेगी।
कोविड-19 से अनाथ हुई कॉलेज में अध्ययनरत छात्रा को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों मंे प्राथमिकता से प्रवेश दिया जायेगा, साथ ही कॉलेज छात्रों के लिए आवासीय सुविधाओं हेतु अंबेडकर डी.बी.टी.वाउचर योजना का लाभ दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि अनाथ हुए युवाओं को मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अन्तर्गत प्राथमिकता से बेरोजगारी भŸाा दिया जायेगा।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 की महामारी मंे विधवा हुई महिलाओं के लिए एक लाख रूपये एकमुश्त राशि तथा 1500 रूपये प्रतिमाह विधवा पेंशन प्रदान की जायेगी। विधवा महिलाओं के बच्चों को एक हजार रूपये प्रति बच्चा प्रति माह तथा विद्यालय की पोशाक व पाठ्यपुस्तकों के लिए सलाना 2 हजार रूपये का लाभ दिया जायेगा।
कलेक्टर ने इन सभी बच्चों का कलेक्टर के रूप में स्वयं को अभिभावक बताते हुये सभी उपस्थित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिये किसी ऑफिस के चक्कर नहीं कटवायें, अधिकारी स्वयं इनके घर जाकर योजनाओं के आवेदन पत्र तैयार करवायें। उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक को निर्देश दिये कि इन बच्चों के पालनहार के आवदेन पत्र रविवार तक भरवा लें तथा इन बच्चों में से कोई ड्रॉप आउट है या अभी तक एडमिशन नहीं है तो उनका नजदीकी सरकारी विद्यालय में प्रवेश करवाना सुनिश्चित करें तथा इनके जन आधार कार्ड बनवायें। जो बच्चे कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार कोविड के कारण अनाथ होने की श्रेणी में नहीं आते, उन्हें भी पालनहार समेत अन्य योजनाओं में लाभान्वित करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने बताया कि हमने सर्वे कर लिया है लेकिन आमजन से अपील है कि कोई पात्र बच्चा इस सूची में न आ पाया हो या भविष्य में दुर्भाग्यवश इस सूची में आने का पात्र हो जाता है तो चाइल्ड हैल्पलाइन 1098 पर सूचना दें। उन्होंने बताया कि कोविड-19 से मृत्यु के अतिरिक्त जो भी मृत्यु कोरोना सस्पेक्टेड है, उनकी भी सूची तैयार की गई है। पात्र बच्चों को सरकारी पैकेज का लाभ दिलवाने, वि़द्यालय और छात्रावास में प्रवेश दिलवाने, पालनहार व अन्य योजनाओं का लाभ दिलवाने में सम्बंधित अधिकारियों की मदद के लिये सवाईमाधोपुर ब्लॉक में चाइल्ड लाइन तथा चौथ का बरवाडा ब्लॉक में आईसीडीएस को निर्देश दिये गये।
इन सभी बच्चों की पढाई, खेलकूद, स्वास्थ्य की प्रगति का शिक्षा विभाग प्रतिमाह जिला कलेक्टर को फीडबैक देगा। कलेक्टर ने बताया कि उदार सरकारी पैकेज के बाद सम्भावना तो नहीं है, फिर भी सुनिश्चित किया जाये कि इनमें से कोई बच्चा बाल श्रम में न धकेल दिया जाये।
कलेक्टर ने निर्देश दिये कि बच्चों की ट्रैफिकिंग, उनके साथ लैंगिक, शारीरिक व मानसिक दुर्व्यवहार को सख्ती से रोका जाये, पॉक्सो एक्ट की अक्षरशः पालना सुनिश्चत की जाये। पूर्व में बाल श्रम से मुक्त करवाये गये बच्चों के पुनर्वास, उनके अवैध नियोक्ता के खिलाफ की गई कार्रवाई तथा इन बच्चों को दिये गये मुआवजे की विस्तृत रिपोर्ट कलेक्टर ने 10 दिवस के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। विधवा, वृद्धा, दिव्यांग महिला के 6 साल तक के बच्चे को 500 तथा 6 से लेकर 18 साल तक के बच्चे को 1 हजार रूपये प्रतिमाह पालनहार योजना में भत्ता मिलता है लेकिन जिले में चिन्हित ऐसे 7 हजार बच्चों में से 2680 बच्चे इस योजना से वंचित हैं। इस पर कलेक्टर ने इनकी सूची लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस कार्य को करने तथा तत्काल आवेदन पत्र तैयार करवाने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में जिला अधिकार संक्षरण की सहायक निदेशक श्रृद्धा गौत्तम ने बताया कि कोरोना काल में बच्चों को बहुत बडी क्षति उठानी पडी है, कई बच्चों से माता-पिता का साया नहीं रहा, कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को गोद लेने या गोद देने के सम्बंध में भ्रामक पोस्ट डाल रहे हैं, ऐसे बच्चों को मात्र कारा ऐजेंसी के माध्यम से ही गोद लिया जा सकता है। बैठक में पुलिस उप अधीक्षक शकील, महिला अधिकारिता सहायक निदेशक श्रद्धा गौतम, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सुनील गर्ग, एडीईओ माध्यमिक घनश्याम बैरवा, प्रारंभिक चंद्रशेखर जोशी, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्वेता गर्ग सहित चाईल्ड एवं अन्य एनजीओ एवं बालगृहों के प्रभारी भी उपस्थित रहे।