शहीद ब्रिगेडियर उस्मान की पुण्यतिथि पर किया वृक्षारोपण

शहीद ब्रिगेडियर उस्मान की पुण्यतिथि पर किया वृक्षारोपण
सवाई माधोपुर 3 जुलाई। नौशेरा के शहीद ब्रिगेडियर उस्मान की पुण्यतिथि के अवसर पर शनिवार शाम को टीम हमारा पैगाम भाईचारे के नाम के द्वारा चलाए जा रहे मिशन कलाम साहब की याद में हरा भरा और मोहब्बत से रहे हिंदुस्तान के तहत शिव कॉलोनी, खेरदा स्थित रैगर छात्रावास में हुसैन खान आर्मी के नेतृत्व में वृक्षारोपण किया गया।
इस अवसर पर टीम सदस्य मोइन खान ने ब्रिगेडियर उस्मान के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1947-48 में हुई भारत-पाकिस्तान की जंग पहली जंग है जिसे भारत ने आजादी के बाद लड़ा। इस जंग में शहीद होने वाले ब्रिगेडियर उस्मान, उस जंग में शहीद होने वाले सबसे बड़े अफसर थे। ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान का जन्म 15 जुलाई, 1912 को आजमगढ़ में हुआ, आजादी के बाद मिलिट्री के अफसरों को ये चुनने की आजादी दी गयी कि वो हिन्दुस्तान में रहें या पाकिस्तान चले जाएँ। ब्रिगेडियर उस्मान ने हिन्दुस्तान ही में रहना पसंद किया और आजादी के फौरन बाद हुई जंग में पाकिस्तान से लोहा लेते हुए वो मुल्क पे कुर्बान हो गए। पाकिस्तानी फौजियों से लड़ते हुए उनका निधन 3 जुलाई, 1948 को नौशेरा में हुआ, उन्हें उनकी कुर्बानी की याद में नौशेरा का शेर भी कहा जाता है। बाद में उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
प्रोफेसर रामलाल बैरवा ने जानकारी देते हुए कहा कि सादगी की जिन्दगी पसंद करने वाले उस्मान हर प्रकार के नशे से दूर रहते थे। उनके बारे में तब के प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरु ने कहा था कि मुल्क के सेकुलरिज्म की यही पहचान है।
हमारा पैगाम भाईचारे नाम टीम के हुसैन आर्मी ने बताया कि टीम द्वारा विभिन्न जयंती तथा पुण्यतिथि के अवसर पर इसी प्रकार पेड़ लगाकर महापुरुषों को याद किया जाता रहेगा।
पेड़ों की देखभाल के लिए छात्रावास प्रबंधन ने जिम्मेदारी ली है। इस अवसर पर प्रोफेसर राम लाल बेरवा, नेमराज बाकोलिया, मकसूद खान, आसिफ खान, इकबाल खान, मोहित वर्मा आदि उपस्थित रहे।