तीन साल से चक्कर लगा रहे केदार को मिली राहत, खुला विरासत का नामान्तकरण

तीन साल से चक्कर लगा रहे केदार को मिली राहत, खुला विरासत का नामान्तकरण
सवाई माधोपुर, 6 अक्टूबर। प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान के अन्तर्गत बौंली पंचायत समिति के नीमोद राठौद में आयोजित कैम्प में केदार पुत्र उद्दा गुर्जर की 3 साल पुरानी परेशानी का अन्त हो गया। वह 3 साल से एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस के चक्कर काटता-काटता थक गया था। अफसर भी अपनी जगह सही थे। नियमों के अनुसार प्रक्रिया का पालन जरूरी था ।
राज्य सरकार ने इस अभियान में अधिक से अधिक लोगों को राहत देने के लिये प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया है। एक प्रार्थना पत्र आता है, अधिकारी मौके पर ही 5 मिनट में जॉंच करवाता है, जॉंच रिपोर्ट मिलने के अगले ही पल निर्णय आ जाता है और मौके पर ही समस्या समाधान हो जाता है।
केदार के पिता की मृत्यु के बाद विरासत का नामान्तकरण खुलना था लेकिन अब तक खुल नहीं पा रहा था। इसके चलते वह परेशानी से घिर रहा था क्योंकि वह न तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ ले पा रहा था, न ही फसल बीमा में पंजीयन हो पा रहा था। शिविर में आवेदन करने के 20 मिनट के भीतर ही उसका नामान्तकरण खुल गया। इस पर उसने राज्य सरकार का आभार प्रकट किया है।