रणथंभौर में बाघ के नजदीक कैंटर ले गया चालक

रणथंभौर में बाघ के नजदीक कैंटर ले गया चालक

सवाई माधोपुर 08 फरवरी 2021

सवाईमाधोपुर स्थित रणथम्भौर दुर्ग जाने वाले मार्ग पर दीवार पर बाघ की चहल कदमी के दौरान सैलानियों से भरे केंटर को चालक पर्यटकों की जान को जौखिम में डालते हुए बाघ के बेहद नजदीक ले गया। सैलानियों ने केंटर चालक को ऐसा करने से लाख मना किया, लेकिन उसने उनकी एक नहीं सुनी और पर्यटकों की जान को जौखिम में डाल दिया। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। रणथंभौर में बाघ के पास सैलानियों को ले जाने की यह दूसरी घटना। इससे पहले की इसी तरह का एक मामला कुछ दिन पूर्व ही सामने आया था । रणथम्भौर में दीवार पर चल रहे बाघ के पास केंटर ले जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो पांच फरवरी का यह बताया जा रहा है। इस वीडियो में केंटर चालक को बाघ के पास केंटर ले जाने से सैलानी रोक रहे हैं। सैलानी चालक से कह रहे है कि भईया केंटर बाघ के पास मत ले जाओ, हमला कर देगा, मार देगा, लेकिन केंटर चालक उनकी एक नहीं सुनता और बाघ के पास बैक में केंटर को ले जाता है। केंटर में सवार चिल्ला चिल्लाकर केंटर चालक से मिन्नते कर रहे हैं कि बाघ के पास गाड़ी मत ले जाओ, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी और सैलानियों की जान को जौखिम में डालते हुए दीवार पर खड़े बाघ के पास केंटर को ले गया। गनीमत रही की बाघ ने सिर्फ सैलानियों को मुड़कर देखा और बाद में पेड़ के पीछे से जंगल में चला गया। बाघ के जाने के बाद सैलानियों की जान में जान आई। रणथम्भौर दुर्ग जाने वाले मार्ग पर गत 21 जनवरी को भी ऐसी ही एक घटना हुई थी। पर्यटक जिप्सी में बैठे थे तथा जिप्सी चालक उन्हें छोड़कर कहीं चला गया था। चालक जिप्सी में था ही नहीं। इस दौरान भी बाघ अचानक दीवार पर आ गया और चहल कदमी करता रहा। बाघ को बिल्कुल नजदीक देख सैलानियों की सिट्‌टी पिट्‌टी गुम हो गई थी । चालक के नहीं होने से सैलानी चुपचाप जिप्सी में दुबके रहे। इसके बाद बाघ वापस जंगल में चला गया। विगत 21 जनवरी की घटना को लेकर मामले में एनटीसीए ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन से जवाब मांगा है । जवाब पेश होता उससे पूर्व ही उसी तरह की दूसरी घटना सामने आई है। इस घटना में केंटर चालक बैखोफ होकर केंटर को बाघ के नजदीक ले जाता है। पिछली घटना पर एनटीसीए ने सरकार से जवाब मांगा है। इससे पूर्व ही यह दूसरी घटना हो गई। आखिर फिर से वही लापरवाही सामने आई है, जिस पर संज्ञान भी लिया गया था। इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि रणथम्भौर प्रबंधन जिप्सी व केंटर संचालकों के दबाव में काम कर रहा है। इससे जिप्सी व केंटर चालक जंगल में ही नहीं बाहर भी बाघों के पास अपने वाहन ले जाते है और उसे घेर लेते हैं। ऐसा लगता है कि रणथम्भौर प्रशासन भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है। इसके बाद ही सैलानियों की जान जौखिम में डाल बाघ दिखाने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई करेगा।