पिपलाई में पुनः विज्ञान संकाय खोलने की मांग

पिपलाई में पुनः विज्ञान संकाय खोलने की मांग
बौंली 9 फरवरी। पिपलाई ग्राम के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में विज्ञान संकाय पुनः खोलने की मांग को लेकर शिक्षक नेता जिनेन्द्र जैन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मण्डल ने क्षेत्रीय विधायक इन्द्रा मीणा से जयपुर स्थित उनके सरकारी आवास पर मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
जैन ने बताया की राज्य सरकार की बजट घोषणा 2020-21 के बिन्दु संख्या 95 के अनुसरण करते हुए राजकीय विधालय में विज्ञान संकाय तथा अतिरिक्त विषय खोलने का प्रस्ताव प्रधानाचार्य मधुसूदन शर्मा साहब द्दारा उच्च अधिकारियों के माध्यम से राज्य सरकार को भी जुलाई 2020 मे भेजा गया था। लेकिन विद्यालय में विज्ञान संकाय को स्वीकृति नहीं मिली।
इस अवसर पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पिपलाई के विधालय विकास एवं प्रबंधन समिति के विधायक प्रतिनिधि हंसराज सैनी ने बताया की राजकीय विधालय को राज्य सरकार द्दारा विगत कई वर्षो से आदर्श विधालय घोषित किया गया हैं। राजकीय विधालय के आस पास खेड़ली, डाबर, कोहली प्रेमपुरा, चांदनहोली, सीतोड, बाढ मोहनपुर, सूरगढ आदि में छात्र संख्या को देखते हुऐ पिपलाई मे राज्य सरकार द्वारा विज्ञान संकाय खोलना छात्र हित मे मील का पत्थर साबित होगा।
शिक्षक रामदयाल वैष्णव ने बताया की समूचे विधानसभा क्षेत्र के ग्रामवासियो के अथक प्रयासों से राजकीय विधालय में विज्ञान संकाय 2015 सत्र में राजस्थान सरकार द्वारा शुरू की गयी। जिससे राजकीय विधालय में पढ़ने वाले तथा आस पास के विद्यार्थियो के मन में आशाओ के पंख लग गये स दर्जनो विधार्थियो ने विज्ञान संकाय में प्रवेश लिया उस समय सरकार ने विधालय को विज्ञान संकाय के विषय अध्यापक तथा प्रयोगशाला उपलब्ध नही करवाई जिसके कारण मजबूरन विधार्थियो को अगले सत्र में शहर जाकर अपनी पढाई करनी पड़ी। इसके बाद ग्राम वासियों ने विज्ञान संकाय के विषय अध्यापक तथा प्रयोगशाला उपलब्ध करवाने की मांग राज्य सरकार से की परन्तु राज्य सरकार ने विज्ञान संकाय के विषय अध्यापक तथा प्रयोगशाला उपलब्ध नही करवाई अपितु 2016 में राजकीय विधालय से विज्ञान संकाय को ही बंद कर दिया।
गंगासहाय गुर्जर ने बताया की ग्रामवासियो ने ज्ञापन के माध्यम से विधायिका इन्द्रा मीणा से राजकीय विधालय में विज्ञान संकाय के गणित, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान विषय पुनः शुरू करवाने की मांग की है। वर्तमान समय में स्वीकृति के बाद सम्पूर्ण जिम्मेदारी विधालय के प्रधानाचार्य एवं समस्त स्टाफ लेने को तैयार हैं।