सभी आशा सहयोगिनीयो को कार्य संघर्ष का उचित भुगतान नहीं मिलने से हताश का जीवन व्यतीत कर रही है-खण्डार

सभी आशा सहयोगिनीयो को कार्य संघर्ष का उचित भुगतान नहीं मिलने से हताश का जीवन व्यतीत कर रही है।

आंगनवाड़ी पर आशा बहनों के कार्य की सूची,,, प्रतिदिन 10-15 घरों का सर्वे,,,सर्वे अनुसार गर्भवती पंजीकरण करवाना,,, टीकाकरण करवाना,,,0-5 वर्ष तक बच्चों का पंजीकरण वह टीकाकरण करवाना,,,ANC,HBNC, नसबंदी, मोतियाबिंद,HIV, कैंसर टीबी, कुपोषित, अतिकुपोषित,हर बिमारी का सर्वे रिपोर्ट देना,,, स्वास्थ्य विभाग सम्बंधित कोई भी बारिक से बारिक सर्वे आशा बहनों द्वारा करवाया जाता है,,, काम किसी का भी हो रिपोर्ट आशा को ही देनी पड़ती है,,,हर घर का सर्वे संपर्क आशा से जुड़ा होता है,,,चाहे पोलियो हो,,, चाहे कोरोना रिपोर्ट हो,,,चाहे टीकाकरण हो,,, जनसंख्या सर्वे हो,,,मानव सम्बंधी जुड़ी हर समस्या की रिपोर्ट आशा बहने ही लाकर स्वास्थ्य विभाग को देती है,, आशा बहनों की बदौलत ही हजारों दुनिया की जाने बची,,, कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं ने बिमारी के डर से अपना घर तक नहीं छोड़ा और सरकार में अनजान लोग गीत उनके गाते हैं ,,, स्वास्थ्य विभाग में अगर भागीदारी निभाती है तो आशा बहनों ही निभाती है और कोरोना काल में पूरा दुनिया बिमारी से हिल गई,, लेकिन इन आशा बहनों ने अपना घर परिवार ,,नन्ने मुन्ने बच्चों को छोड़कर ,,अपनी जान की परवाह किए बगैर स्वास्थ्य विभाग के साथ सरकार के आदेशानुसार अपना दायित्व निभाया,,, पूरे देश को कोरोनाकाल से बचाया,,,,पूरी दुनिया अपने परिवार से डरने लगे,, और इन बहनों ने सिर्फ अपनी दुनिया को बचाने के लिए अपना दायित्व निभाया,,, तो भी केन्द्र और राज्य सरकार इनकी बात को हल्के से क्यो लेती है ,,,ऐसी कोरोनाकाल महामारी में भी इन्होंने साथ दिया है तो स्वास्थ्य संबंधी सरकार सौकसबंध रहे और आशा बहनों को सरकारी कर्मचारी घोषित करके मानदेय बढ़ाया जाए।