कोरोना वैक्सीन पर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई तो हो सकती है जेल

कोरोना वैक्सीन पर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई तो हो सकती है जेल आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं में दर्ज होंगे केस-गंगापुर सिटी

अगर आप किसी सोशल मीडिया ग्रुप के एडमिन हैं या सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हैं तो यह खबर आपके लिए है अब किसी ने सोशल मीडिया पर कॉविड वैक्सीनेशन को लेकर गलत जानकारी दी तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग इसकी मॉनिटरिंग कर रहा है अगर किसी ने नामक जानकारी पोस्ट की तो विभाग उसके खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर आएगा।ब्लॉक सीएमएचओ बत्तीलाल मीणा बताया कि कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग पूरी सब कथा बरस रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों के बाद यह वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर्स को लगाई जा रही है इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग सोशल मीडिया पर लगातार पॉजिटिव मैसेज भी जारी कर रहा है वही राजस्थान से निर्देश जारी किए गए हैं कि यदि कोई भी सोशल मीडिया या अन्य किसी प्रचार माध्यम से कोविड- वैक्सीनेशन के बारे में ब्राह्मण संदेश प्रसारित करता है या अफवाह फैलाता है तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
प्राथमिकता के आधार पर लगा रहे हैं वैक्सीन,ब्लाक सीएमएचओ बत्ती लाल मीणा ने बताया कि प्रदेश भर में वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है उपखंड में भी को भी फील्ड को वैक्सिंग लोगों को लगाई जा रही है। नेशनल लेवल एस्फाल्ट समूह की ओर से दोनों ही प्रकार की व्यक्ति को प्राथमिकता के आधार पर सभी चयनित समूह के लोगों को लगाने की सिफारिश की गई है इस राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाने में हर नागरिक की बराबर भूमिका है यह भी स्पष्ट है कि राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण की ओर से दोनों प्रकार की व्यक्ति को सुरक्षित माना है हालांकि फिर भी वैक्सीन से सुरक्षा भी इसके प्रभाव को लेकर भ्रामक संदेश बाय फैलाई जा रही हैं इस पर विभाग ने इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
आईईसी अनुभाग रख रहा है नजर :
बीसीएमओ डॉ बत्ती लाल मीणा के मुताबिक विभाग केआईईसी अनुभाग की ओर से इसे नकारात्मक भ्रामक संदेशों के खबरों पर निगरानी रखी जा रही है ताकि उन पर तुरंत रोक लगाते हुए कार्रवाई की जा सके।उन्होंने बताया कि हमारी ओर से आमजन से भी अपील है कि वे ऐसे नकारात्मक संदेशों के अभाव को आगे नहीं बढ़ा,बल्कि इसकी सूचना विभाग को दे। अफवाह फैलाने व भ्रामक संदेश फैलाने वालों और इसमें किसी भी स्तर पर संलिप्त रहने वालारें के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भारतीय दंड संहिता के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।