टोंक जेल मे चौथ वसूली की जाँच की कछुआ चाल से कैसे मिलेगा न्याय – तोमर

टोंक जेल मे चौथ वसूली की जाँच की कछुआ चाल से कैसे मिलेगा न्याय – तोमर
टोंक 6 दिसम्बर। पिछले वर्ष जिला कारागार टोंक मे बंद हवालती बंदियों व उनके परिजनों से चैथ वसूली का मामला उजागर करने वाले दिल्ली हाईकोर्ट के एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भैया की शिकायत पर सभी तथ्यों का अवलोकन करने और जाँच कराने के पश्चात राजस्थान करागार मुख्यालय के आईजी के निर्देश पर थाना कोतवाली टोंक मे आरोपियों के विरुद्ध मुकदम्मा दर्ज किया गया था।
राजा भैया ने बताया कि मुकदमा दर्ज होने के लगभग दस महीने बाद अब तक ना तो किसी दोषी को गिरफ्तार किया गया है और ना ही अभी तक जाँच पूरी की गई है।
पूरे मामले का खुलासा करने वाले शिकायतकर्ता एडवोकेट राजेन्द्रसिंह तोमर ने बताया की सबसे अजीब बात तो ये है कि जाँच अधिकारी ने अभी तक मुख्य पीड़ित बंदियों के बयान तक दर्ज नहीं किये हैं। शिकायत के बाद कुछ पीड़ित बंदियों मे से कुछ को दूसरे जिले की जेलो मे भेज दिया गया था। तो कुछ कि जमानत हो चुकी है। इस सबंध में एस पी टोंक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो को लिखित शिकायते भी कर चूके है। परन्तु पुलिस कि जाँच अब भी कछुआ चाल है। जबकि मामला अति गंभीर है। जेल मुख्यालय के आईजी की अनुशंसा पर जाँच के उपरांत एफआईआर दर्ज कराई गई है। जिसमें जिला कारागार टोंक के तत्कालीन जेल अधिकारियो की भी संलिप्तता उजागर हो चुकी है।
एडवोकेट तोमर ने आरोप लगाया कि पुलिस के इस रवैये से लगता है कि संबंधित जाँच अधिकारी दोषियों से मिल कर उन्हें बचा रहे हैं और जान बूझ कर उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं ताकि उनके विरुद्ध साक्ष लुप्त हो जाये या दोषी पीड़ितों को डरा धमका कर उन्हें अपने पक्ष मे कर लें।
तोमर ने आशंका जताई है कि ऐसे मे पीड़ितों को आखिर कैसे न्याय मिलेगा। इस पर तोमर ने एक बार फिर से प्रदेश के पुलिस महानिदेश और जिला टोंक के पुलिस अधीक्षक को शिकायत पत्र लिख कर मामले कि जाँच डिप्टी एस पी स्तर के अधिकारी से कराने और दोषियो को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने कि मांग कि है। तोमर ने बताया है कि यदि जल्द ही कोई कार्यवाही नहीं की गई तो मजबूरन वो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे परन्तु दोषियो को हर हाल मे सजा दिला कर रहेंगे।