श्रावण मेला हेतु अयोध्या में एंट्री पर रोक, RT-PCR वालों को अनुमति, चांदी के झूले पर झूलेंगे रामलला

श्रावण मेला हेतु अयोध्या में एंट्री पर रोक, RT-PCR वालों को अनुमति, चांदी के झूले पर झूलेंगे रामलला

उत्तर प्रदेश स्थित धर्मनगरी अयोध्या में झूला मेला शुरू हो गया. हालांकि, इस बार कोरोना के चलते अयोध्या में झूला मेला महोत्सव हर बार की तरह धूमधाम से नहीं मनाया जा रहा है. इस बार मणि पर्वत पर भी कोई कार्यक्रम नहीं होगा या कोई खास रौनक भी नहीं है लेकिन मंदिरों में भगवान को रक्षाबंधन तक झूला झुलाया जाएगा और गीत सुनाए जाएंगे.

राम जन्मभूमि परिसर में भी रामलला को 21 किलो चांदी के झूले में झूला झुलाया जाएगा. यह खास झूला कल रामलला को सौंप दिया गया. रामलला श्रावण मास में शुरू होने वाले झूलन महोत्सव का आनंद लेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है कि रामलला के लिए चांदी का विशेष झूला बनवाया गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने झूले की फोटो शेयर करते हुए बताया कि इस बार रक्षाबंधन तक रामलला इसी विशेष झूले में झूला झूलेंगे.

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अयोध्या में हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को झूलन महोत्सव की शुरुआत होती है. अयोध्या के सभी प्रमुख मंदिरों से विग्रह मणि पर्वत तक पालकियों में गाजे बाजे के साथ जाते हैं और वहीं पर झूला झूलते हैं. मणि पर्वत वही जगह है जहां माता सीता झूला झूलने आया करती थीं, इसलिए हर साल श्रावण शुक्ल तृतीया को यहां बड़े महोत्सव का आयोजन होता है और यहां भगवान के विग्रह द्वारा झूला झूलने के साथ ही पूरे देश में झूलन महोत्सव शुरू हो जाता है.मणि पर्वत पर मंदिरों के विग्रह द्वारा झूला झूलने के बाद मंदिरों में झूले पड़ते हैं और भगवान को झूला झुलाया जाता है और उन्हें सावन के गीत सुनाए जाते हैं. इसे देखने के लिए लाखों लोग अयोध्या आते हैं.

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कोरोना के चलते झूला महोत्सव को काफी सीमित रखा गया है. इसके अलावा अयोध्या आने वाले सभी यात्रियों को अपने साथ आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाना जरूरी है. यह 72 घंटे पहले तक की होनी चाहिए अन्यथा अनुमति नही मिलेगी.