एनएसी ने विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सांख्यिकी संबंधी राष्ट्रीय पहल(एनआईएसटीआईएस) के भावी विकास के संबंध में विचार-विमर्श किया

विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सांख्यिकी संबंधी राष्ट्रीय पहल से जुड़ी राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने अपनी पहली बैठक में इसके भावी विकास के संबंध में विचार-विमर्श किया।

बैठक में यह तय किया गया कि भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरू की परियोजना निगरानी यूनिट (पीएमयू) विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सांख्यिकी केंद्र के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगी।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय के. सूद ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस पहल के महत्व को रेखांकित किया और इसके साथ ही इस पहल पर केंद्रित कार्य शुरू करने के लिए एक केंद्र की स्थापना की जरूरत बताई।

यह भी पढ़ें :   पशुपालन विभाग ‘भारत में श्वेत क्रांति के जनक’ की 101वीं जयंती पर बेंगलुरु में ‘राष्ट्रीय दुग्ध दिवस’ मनाएगा

उन्होंने कहा, “ज्ञान आधारित फैसले लेने के लिए आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं। जहां ये आंकड़े विभिन्न मंत्रालयों द्वारा एकत्रित किए जाते हैं, वहां भविष्य के लिए महत्वपूर्ण फैसले लेने की प्रक्रिया में इनका केंद्रीयकृत प्रबंधन अनिवार्य है।”

सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) डॉ. श्रीवारी चंद्रशेखर ने इस पहल का स्वागत किया और विभाग के पास पहले से ही उपलब्ध विस्तृत आंकड़ों के बारे में बताते हुए इनमें अतिरिक्त आंकड़े जोड़ने की जरूरत बताई।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. अखिलेश गुप्ता ने आंकड़ों को एकत्रित करने के विभिन्न प्रयासों को एक साथ लाने के लिए समन्वित प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया और इस केंद्र की एक प्रारंभिक संकल्पना प्रस्तुत की। उन्होंने इस दिशा में अंतर्राष्ट्रीय तौर पर किए गए बेहतरीन प्रयासों के तौर पर अमरीका और जापान का उदाहरण दिया।

यह भी पढ़ें :   कोविड-19 टीकाकरण अपडेट - 479वां दिन

भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) के निदेशक प्रो. गोविन्दन रंगराजन ने आईआईएससी में स्थापित किए जाने वाले इस केंद्र के कामकाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  

इस मौके पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रतिष्ठानों के विशेषज्ञों ने इस केंद्र के प्रशासन, कामकाज और भावी विकास के संदर्भ में विचार-विमर्श किया।

***

एमजी/एएम/एसएम/एचबी